अर्जुन की अभिलाषा
अर्जुन एक मनोहर लड़का था । एक पड़ौस की लड़की अकीरा तो उसे बहुत पसंद करती थी और उसके इर्द गिर्द घूमती भी रहती थी । अर्जुन, आप कह सकते हैं कि, एक भारी शरीर का लड़का था । कई बच्चे तो उसे मोटू कह कर भी पुकारते थे । अर्जुन अच्छे स्वभाव का था और ऐसी छेड़खानी को शालीनतापूर्वक सह लेता था किंतु अकीरा ऐसे बच्चों का सामना कठोरता से करती थी । अकीरा कहती तो नहीं थी कि वह अर्जुन की गर्लफ़्रैंड है पर वह अर्जुन का बहुत ध्यान रखती थी, उसे सदा खुश देखना चाहती थी और उसकी किसी भी कठिनाई में से निकालने का पूरा प्रयत्न करती थी ।
अर्जुन की दौड़ने की गति मंद थी
अर्जुन के पास अपना बल्ला था और वह गली में मित्रों के साथ क्रिकेट खेलता था । वह 12 वर्ष का हो गया और अब जूनियर क्रिकेट लीग में भाग लेना चाहता था । इसके लिए उसने अपना नाम दर्ज करा दिया । टीम के शिक्षक ने उसे बताया कि 20 खिलाड़ी नाम दे चुके थे पर वह केवल 15 खिलाड़ियों को टीम में ले सकता था । यह प्रवरण आवश्यक था ताकि टीम के हर खिलाड़ी को खेलने का मौका मिले । शिक्षक की सोच थी कि खिलाड़ी चुनने की उचित विधि थी यह देखना कि वह एक किलोमीटर कितने समय में भाग सकते हैं । इस से वह खिलाड़ी की भागने की गति और सहनशक्ती दोनो जांच सकता था । उसका तर्क था कि एक अच्छे फ़ील्डर को दिन में कई बार तीव्र गति से गेंद को पकड़ने के लिए भागना पड़ता है । वह खिलाड़ियों को बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और गेंद फैंकने और पकड़ने की विधियां तो सिखाने को तैयार था किंतु भागने की गति और सहनशक्ती का होना आवश्यक था । जब 20 लड़कों ने एक किलोमीटर की दौड़ लगाई तो अर्जुन सबसे पीछे था । यह कहना अनुचित नहीं होगा की वह दौड़ा ही नहीं क्योंकि एक किलोमीटर जाने में उसे 15 मिनट लगे थे । कई लोग तो इतनी दूर चलने में भी इससे कम समय लगाते हैं ।
अर्जुन उदासी से मुंह फुलाता हुआ घर वापिस आया । अकीरा ने उसे देखा ।
अकीरा: अर्जुन, मुंह फुला कर क्यों बैठा है ? लीग में नाम दर्ज करवा आया है क्या ?
अर्जुन: नहीं, शिक्षक का कहना है कि मैं तेज़ नहीं भाग सकता । अगले साल फिर से कोशिश करनी होगी ।
अकीरा: खोल कर बता क्या हुआ ।
अर्जुन: बड़ी शर्मनाक बात है । मैंने एक किलोमीटर की दौड़ 15 मिनट में पूरी की । हर कोई मेरे से आगे भाग कर चला गया । कुछ लड़कों ने तो यह दौड़ केवल 4 मिनट में ही लगा दी । बाद में मैंने शिक्षक से बात की । उसने कहा कि अगले साल अगर मैं इस दौड़ को 6 मिनट में पूरा कर दूं तो मुझे टीम में खेलने का मौका मिल सकता है । कहां 15 मिनट और कहां 6, कैसे कर पाऊंगा मैं ?
अकीरा अर्जुन की दौड़ – शिक्षक बनी
अकीरा: मैं तेरी सहायता करूंगी । मुझे तेरे में विश्वास है । तू कर पाएगा यह ।
अर्जुन: तेरे विश्वास का क्या फ़ायदा ? क्या कोई युक्ती सूझी है तुझे ?
अकीरा: मैं तेरी दौड़ने की शिक्षक बन जाऊंगी, और हां दौड़ने की साथी भी । मेरा पीछा करने का तो शौक है न (हिं हिं हिं) ? आज तो तू पहले ही दौड़ लगा चुका है, चल कल शाम से शुरू करेंगे ।
अगले दिन अकीरा अर्जुन के घर गई, पक्का करने के लिए कि वह भागे ।
अकीरा (मैदान की ओर जाते हुए): अर्जुन, मुझे पता है कि कल तूने एक किलोमीटर 15 मिनट यानि 900 सैकंड में पूरा किया था । आज पहले 900 मीटर कल की तरह ही दौड़ना पर आखिरी 100 मीटर मैं आगे आगे भागूंगी और तू मुझे पकड़ने के लिए पीछे पीछे भागना ।
अर्जुन ने अकीरा की योजना के अनुसार दौड़ लगाई और एक मीटर के ट्रैक को पिछले दिन से 3 सैकंड कम में पूरा कर दिया । अगले दिन अकीरा अंतिम 200 मीटर दौड़ी और अर्जुन ने उसका पीछा किया । इसी तरह रोज़ दौड़ने से अर्जुन अब एक किलोमीटर 900 की अपेक्षा 882 सैकंड में दौड़ा ।
थोड़ी सी उन्नति हुई
अकीरा: अर्जुन, देखा न मैंने कहा था कि मुझे तेरे पर विश्वास है । तूने एक ही सप्ताह में अपने दौड़ने के समय में 2% की कटौती कर दी । तेरी दौड़ का समय पिछले सप्ताह के समय से 0.98 गुणा था ।
अर्जुन: पर इससे क्या बनेगा ?
अकीरा: अगले सप्ताह के अंत तक तेरा एक किलोमीटर ट्रैक का समय आज के समय का 0.98 गुणा हो जाएगा ।
अकीरा और अर्जुन अभ्यास के लिए हर रोज़ जाते थे । अगले सप्ताह का समय पिछले सप्ताह के 882 सैकंड की अपेक्षा 882 x 0.98 यानि 864 सैकंड हो गया । यह योजना 4 सप्ताह तक चली तो अब अर्जुन एक किलोमीटर 900 सैकंड x 0.98 x 0.98 x 0.98 x 0.98 यानि 0.922 x 900 अर्थात 830 सैकंड में दौड़ा ।
अर्जुन: चार सप्ताह के अभ्यास के बाद मैं 900 सैकंड की अपेक्षा अब 830 सैकंड में भाग सकता हूं । यह थोड़ी तरक्की तो अवश्य है पर मेरा ध्येय तो 6 मिनट का है । पता नहीं क्यों तुझे अपनी योजना में इतना विश्वास है ।
अकीरा (जैसे छेड़कानी कर रही हो): जब तू लड़कियों के पीछे भागेगा, वह अपनी गति को तेरे लिए मंद नहीं करेंगी । मैं तो यह पक्का करना चाहती हूं कि समय आने पर तू मेरे पीछे भाग पाएगा । मैं मज़ाक कर रही हूं पर तुझे एक बात बतानी है ।
अर्जुन: क्या ?
गणित अध्यापक का रेखा चित्र
अकीरा: मैंने तेरी दौड़ के बारे में गणित के अध्यापक से बात की थी ।
अर्जुन: मेरी समझ में तो पीटी वाले सर से बात करना ज्यादा उचित था ।
अकीरा: नहीं, मुझे गणित वाले सर ने बताया कि तेरे भागने के लिए मेरी योजना एक घटता हुआ घातांक क्रम है । यह एक घातांक है जिसमें दौड़ का समय अभ्यास की सप्ताह संख्या पर निर्भर करता है । इस घातांक का आधार 0.98 है और इस की घात है अभ्यास की सप्ताह संख्या, तो तेरा दौड़ने का समय 0.98 की सप्ताह संख्या यानि प्राथमिक समय गुणा 0.98सप्ताह संख्या यानि 900 x 0.98सप्ताह संख्या होगा । इस घातांक के अनुसार चार सप्ताह बाद तेरा दौड़ का समय 900 x 0.984 यानि 830 सैकंड होना चाहिए था । यही तेरा आज का भागने का समय था जिससे पता चलता है कि यह गणन विधि उचित है । अब 0.984 = 0.922, तो मैं ऐसे भी लिख सकती हूं कि इस घातांक का आधार 0.922 और इस की घात चार सप्ताहों के गुटों की संख्या । तो अगले चार सप्ताह के बाद तेरी दौड़ का समय 900 x 0.922 की घात 2 (0.9222) यानि 765 सैकंड हो जाएगा । यदि हम अभ्यास करते रहे और अगले चार सप्ताह के अंत में तू एक किलोमीटर 765 सैकंड में भाग ले तो निश्चय ही हमारी योजना कामयाब हो रही होगी ।
अर्जुन: यह 765 सैकंड का समय भी 6 मिनट यानि 360 सेकंड से बहुत अधिक है ।
अकीरा: हां, पर हमने इस अभ्यास को पूरे साल यानि 52 सप्ताह के लिए कायम रखना है । तेरी दौड़ का समय 900 x 0.98 की घात सप्ताह संख्या से कम होता रहेगा । इस आधार पर गणित सर ने यह रेखा चित्र बनाया है (चित्र देखे) । यह चित्र दिखाता है कि 52 सप्ताह के बाद तेरी दौड़ का समय 0.98 की घात 52 (0.9852) यानि 315 सैकंड पहुंच जाएगा । यह तो तेरे 360 के द्येश्य को मजे में पार कर देगा ।
इस सारी गणना मैं यह मान रही हूं कि तू, मेरे मित्र, मेरे साथ डट कर अभ्यास करता रहेगा ।
अर्जुन: धन्यवाद अकीरा, इस सहायता के लिए । यदि तू अगले साल जूनियर क्रिकेट में मेरा प्रवेश करवा दे तो मैं सारा जीवन तेरे साथ डटा रहूंगा ।
अर्जुन चाहता था कि वह अकीरा को पकड़ कर गले लगा ले पर उसने अपने आप को रोक लिया यह सोच कर कि कहीं अकीरा इस क्रिया को अनुचित समझ कर उसे छोड़ ही न दे ।
BODMAS या PEMDAS
अकीरा ने की घात गणना पहले की, और गुणा बाद में । उदाहरण है 900 x 0.9222, पहले उसने 0.9222 से 0.85 निकाला और फिर उसे 900 से गुणा किया । इस तरह उत्तर 765आया । कई पिछली कहानियों में भाग या गुणा पहले की गई थी और बाद में किए गए थे योग और घटाव । अंग्रेज़ी में BODMAS या PEDMAS को गुणन का उचित क्रम माना जाता है । BODMAS का मतलब होता है brackets, order (power), division/multiplication, addition/subtraction और PEDMAS होता है parentheses (brackets), exponents, multiplication/division and addition/subtraction । हिन्दी में यह क्रम हो जाएगा कोष्ठक, की (घात), भाग, गुणा, योग और घटाव । उसे याद कैसे रखें ? चलो एक परिवर्णी बना लेते हैं: कुल्दीप की भांजी गुरप्रीत योगिता घोश, या कोशी की भांजी गुड़िया यहां घबराई, जो भी याद रख सकते हो ।
चुनौती
अकीरा प्रसन्न है कि अर्जुन पहले वर्ष दौड़ का समय 0.98सप्ताह x 900 सैकंड तक नियमित रखने में सफ़ल रहा । अर्जुन को गौरव है कि उसने यह क्रिया की । अब वह इस अभ्यास को इसी तरह एक साल और करना चाहता है ताकि 104 सप्ताह में उसकी दौड़ का समय 900 x 0.98104 सैकंड तक पहुंच जाए । इस 104 सप्ताह की दौरान में दौड़ के समय का रेखा चित्र रेखा बनाओ । इस काम को आसान करने के लिए यह भी कर सकते हो: 0.9813= 0.769 और 104 सप्ताह में 13 सप्ताह के 8 गुट बना लो । अकीरा कहती है कि अब अर्जुन घमंडी हो गया है और वह सफ़ल नहीं हो पाएगा । लड़ाई तो हुई पर अकीरा ने अर्जुन का साथ नहीं छोड़ा और उसके अभ्यास में सहायता देते रहने का वचन भी दिया । अब तुम ही निर्णय कर दो अर्जुन की सफ़लता का ।
उत्तर: तेरह सप्ताह के गुट बनाने पर 0,13,26,39,52,65,78,91 और 104 सप्ताह के बाद 0.769(सप्ताह संख्या/13) x 900 से आ जाएंगे 900, 692, 532,409,315,242,186,143,110 सैकंड । अब इसे रेखा चित्र में दिखाओ – क्षैतिज अक्ष पर सप्ताह संख्या लिखो और लम्ब अक्ष पर दौड़ का समय ।
विधि के अनुसार 104 सप्ताह के अभ्यास के अंत में वह एक किलोमीट की दौड़ 110 सैकंड में पूरी कर देगा । दुनियां मे इस दौड़ का रिकार्ड है नोआ नजेनी का । उसने सन 1999 में 131.96 सैकंड में एक किलोमीटर की दौड़ का रिकार्ड कायम किया था । तो क्या अर्जुन बन जाएगा सुपरमैन ?