
“ब्रम्हां ही सब कुछ है, और आत्मा ब्रम्हां है।” – मांडुक्य उपनिषद
मैं लिखता क्यों हूँ ? अच्छा, मैं जीता क्यों हूँ ? बात को आगे बढ़ाएं, मैं कुछ भी करता हूँ तो क्यों ? मेरा सर्वोचित्त उत्तर होगा, “पोत के माध्यम से क्षणिक आधार पर मेरी सर्वोच्च की हिंदू अवधारणा ब्रम्हां को चमकने की अनुमति दी जाए ।” मेरा जीवन लक्ष्य है दिव्य रोशनी के एक प्रणाली के रूप में रहना । यदि मैं लिखता हूं, तो वह भी मेरे लिखने का उद्देश्य होना चाहिए । इसलिए आत्मा, व्यक्तिगत आत्मा, को ब्रह्मं में मिलाना मेरा उद्देश्य है और लेखन और जीवन दोनों को समग्र रूप से समझना ।
लेखन समय से अतीद्रिंय है; यह अनंत काल के रहस्यमय क्षण में वेध करता है । एक लेखक के रूप में, मुझे समय अरेखीय और अस्थानिक के रूप में प्रतीत होता है; मैं दूर के अतीत की यादों तक पहुंचने में सक्षम हूं, जैसे कि उन्हें वर्तमान क्षण में दोहराया जा रहा हो । मेरा लेखन इच्छा बचपन में ही शुरू हो गई थी, मेरे शिक्षक मुझे आठ साल की आयु से ही एक प्रतिभाशाली और कल्पनाशील लेखक समझते थे । लेखन मुझे उस समय में वापस लाता है, और मुझे शाश्वत अनुभव करने की अनुमति देता है । मुझे लगता है कि मैं अभी भी वही आठ साल का लड़का हूं, और हमेशा रहूंगा । लेखन संचार का एक रूप है जो समय और स्थान की बाधाओं को पार करता है; यह यात्रा किसी भी गंतव्य से मुक्त है ।
लेखन का सर्वोत्तम द्रिश्तिकोण है एक सेवा रूप । मैं निश्चित रूप से लेखन के विभिन्न रूपों का आनंद लेता हूं, लेकिन मेरे मन के लिए सर्वप्रिय है कहानियां लिखना । कहानियां मनोरंजन और शिक्षा दोनों देती हैं, वे प्रबुद्ध और स्पष्ट करती हैं । कहानियां जीवन बदलने की क्षमता भी रखती हैं । हरमन हैस्स की कहानियों ने मेरे जीवन को गहराई से बदल दिया है, और इस दयालु आत्मा के प्रति मेरी कृतज्ञता अतुलनीय है । वह एक व्यक्ति था जिसने अपने समय में अपने मार्ग का अनुसरण किया, और मैं एक आत्मा हूं जो मेरे समय में मेरे मार्ग का अनुसरण कर रही है; फिर भी, कहानियों के आदान-प्रदान के माध्यम से हमारे रास्ते प्रतिच्छेद कर गए हैं ।
कहानियाँ मेरे आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण रही हैं । विशेष रूप से, जेम्स रेडफ़ील्ड की “द सेलेस्टीन भविष्यवाणी” वह पासा था जिसने मेरे आध्यात्मिक पथ को पलट दिया । मेरा उद्देश्य ऐसी कहानियाँ लिखना है जो दूसरों के आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें । अंत में, यह एक सामूहिक आध्यात्मिक विकास है जो जीवन का लक्ष्य है ।
“हे दिव्य गुरु, अनुदान दें कि मैं इतना अधिक न खोजूं
सांत्वना पाने के लिए… सांत्वना देने के लिए
समझे जाने के लिए…समझने के लिए
प्यार पाने के लिए … प्यार करने के लिए”-सेंट असीसी के फ्रांसिस
तो फ़िर, लेखन मुझे देता क्या है ? यदि मैं अपने लेखन को दूसरों के जीवन को बदलने के लिए पेश करता हूं, तो बदले में यह महान शिल्प मुझे क्या प्रदान करता है ? शायद, यह एक भ्रामक प्रहार है, लेकिन किसी और बाद से अधिक लेखन मुझे एक रचनात्मक आवाज़ प्रदान करता है । लेखन मुझे ईश्वर की भूमिका निभाने, काल्पनिक दुनिया और पात्रों का अन्वेशण करने और कथा के माध्यम से विषयों का पता लगाने की अनुमति देता है । मेरे लिए, लेखक होने की शक्ति से बड़ा कोई उपहार नहीं है । मैं जो संदेश दे रहा हूं, वह सबसे महत्वपूर्ण है; तो अब संदेश क्या होना चाहिए ? लेखन के कार्य के समय, निपुण उपन्यासकार उन विषयों के बारे में सीखता है, जिनके बारे में वह रहा होता है । इसलिए, मैं जीवन के रहस्यों का पता लगाने के लिए लिखता हूं, नश्वरता का, दुख का, आनंद और महिमा का, और सबसे अधिक प्रेम का । मैं पाठकों के दिलों में और अपने दिल में प्यार जगाने के लिए भी लिखता हूं ।
लियो टॉल्स्टॉय की लघु कथाओं ने मुझ पर बहुत प्रभाव डाला है, और उनकी कहानियों ने निश्चित रूप से मेरे दिल में प्यार को प्रेरित किया है । उन्होंने वास्तव में मेरे अभिनय करने के तरीके को प्रेरित किया है, और मैं केवल कल्पना कर सकता हूं कि उन कहानियों को लिखकर उसे अपने दिल में कितना प्यार किया होगा । अंतत: लेखन हमें समझने और समझाने दोनों में सहायता देता है।
“उसने उस साधारण, लेकिन रहस्यमय और महत्वपूर्ण घटना का अनुभव किया है, जिस पर कई लोगों का ध्यान नहीं गया: एक आदमी, जिसे जीवित माना जाता है, मृत लोगों के साथ संवाद में प्रवेश करने और उनके साथ एक जीवन जीने पर वास्तव में जीवित हो जाता है । जूलियस की आत्मा उसके साथ जुड़ गई जिसने उन विचारों को लिखा और प्रेरित किया और इस मिलन के प्रकाश में उसने स्वयं और अपने जीवन पर विचार किया। ”- लियो टॉल्स्टॉय
टॉल्स्टॉय ने पढ़ने की तुलना किसी ऐसे व्यक्ति के साथ आध्यात्मिक संचार से की है जो पहले ही मर चुका था । ठीक यही लेखन करता है। यह पृथ्वी पर रहने वालों को उन लोगों के साथ संवाद करने की अनुमति देता है जिन्होंने एक बार भौतिक शरीर को जीवंत कर दिया था । तो, मेरे जाने के अत्यंत समय बाद तक मुझे पत्र लिखना मेरे लिए संवाद करने का एक तरीका है । शायद, यह व्यर्थ है, लेकिन यह जानकर मुझे शांति मिलती है कि भौतिक शरीर के चले जाने के बाद मेरी रचनात्मक आवाज गूंजेगी ।
मैं उस तरह सोचता हूं जिस तरह से मैं अभी भी हैस्स और टॉल्स्टॉय और बुद्ध जैसे प्राणियों के साथ संवाद करता हूं; ये लोग अभी भी मेरे जीवन पर एक बड़ा प्रभाव डालने में सक्षम हैं, और वे मेरे जीवन को इस तरह से बदलने में मेरी सहायता दे रहे हैं कि पृथ्वी पर रहने वाले लोग भी ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं ।
वह “मैं” कौन है जिसे लिखने के लिए बुलाया जाता है ? ब्रह्मां की सर्वोच्च शक्ति से कम कुछ भी, यह केवल अहंकार का खेल बना देगा । इसलिए, इस प्रश्न का उत्तर प्रकाश ऊर्जा होना चाहिए, यह उपनिषदों का सर्वोच्च ब्रह्म होना चाहिए । लिखित रूप में तो मैं सर्वोच्च शक्तियों के साथ संवाद में हूं ।
यह संभव है कि कभी-कभी अहंकार भी लिखना चाहता है और एक छोटी कहानी या कविता को मोड़ सकता है; मैं झूठ बोलूंगा अगर मैंने कहा कि मैं प्रसिद्ध नहीं होना चाहता । प्रसिद्धि के साथ-साथ, हालांकि, मैं चाहता हूं कि मेरी रचनात्मक आवाज जीवित रहे । बहुत से लेखक वास्तव में तब तक प्रसिद्ध नहीं हुए जब तक कि वे मर नहीं गए, वे अपने समय से बहुत आगे थे; मुझे अपने समय से आगे होने में कोई आपत्ति नहीं है । मैं चाहता हूं कि पीढ़ियां और आने वाली पीढ़ियां मेरे लेख पढ़ें ।
अनुवादक का अवधान: इस भाग के सभी लेखों वाली पुसत्क :रेफ़्लऐक्शंस ओन सोलिच्यूड” समीर की मृत्यु के बाद छ्पवाई गई थी ।