ग्रीष्म ऋतु और मौनसून
ग्रीष्म ऋतु जा चुकी थी, स्कूल खुल गए थे पर अब इस शहर को मौनसून ने घेरा हुआ था । पिछले दो दिनो से निरंतर मूसलाधार वर्षा हो रही थी । सड़कों को तो वर्षा ने तालाब का रूप दे दिया था । पर एक बात, अच्छी थी या बुरी, रविवार का दिन होने के कारण स्कूलों और सरकारी कार्यालयों और अधिकतर बड़ी कंपनियों में छुट्टी थी । पर वर्षा के कारण ना तो लोग मार्किट जाना चाहते थे और ना ही बच्चों को बाहिर खेलने की अनुमति थी । बेचारे पंकज और दीपिका भी घर में बंद थे, यदि एक सुख था तो वह कि ए सी चल रही थी ।
आठ छैवर्षीय पंकज और उसकी 6 वर्षीय बहन दीपिका टी वी से ऊब कर अब आपस में बातें कर रहे थे, राखी के बारे में । उनके पिता रनबीर और माता निहारिका इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाते थे । इस त्यौहार पर वह संयुक्त परिवार का संगठन करते थे । दीपिका के दादा दादी को भी इससे आनंद मिलता था । रनबीर का भाई हरीश और भाभी इशिता, और रनबीर की बहन स्नेहा और उसका पति नील भी इसका हार्दिक समर्थन करते थे । इसी तरह निहारिका के मायके वाले भी एक संगठन करते थे ।
दीपिका ने कितने भाइयों के लिए राखियां और भेंट लानी है ?
दीपिका; मुझे चिंता लग रही थी है । राखी में केवल दो सप्ताह बचे हैं और मैने अभी तक राखियां नहीं खरीदी – अरे मुझे तो याद भी नहीं है कि कितने भाइयों के लिए राखियां और भेंट लानी है । इस वर्ष हमारे दादा जी का परिवार हरीश चाचा के घर राखी मनाई जाएगा । तो वहां कौन कौन होगा ?
पंकज: पहले बड़ों को गिन लेते हैं । दादा, दादी, मम्मी, डैडी, हरीश चाचा, मिताली चाची, स्नेहा भुआ और उनके पति तो होंगे ।
दीपिका; तो यह 8 बड़े लोग हो गए । तेरी कितनी बहनें होंगी वहां ?
पंकज: चाचा जी की बेटियां परी और मायरा, भुआजी की बेटी अन्वी और तू ।
दीपिका; तो यह 4 लड़कियां हो गई । और मेरे भाई कितने होंगे ?
पंकज: मैं, चाचा जी के बेटे आज़ाद और आदित्य, और भुआजी के बेटे ध्रुव, अनिक और अक्शय ।
दीपिका; मुझे 6 भाइयों के लिए राखी और भेंट खरीदनी होगी
पंकज; वहां परिवार के 8 बड़े होंगे और हमारी पीढ़ी के 4 और 6 यानी 10 बच्चे होंगे । तो यह 8 और 10 यानी कुल 18 लोग वहां इस अवसर पर होंगे । चाचा जी का फ़लैट तो खचा खच भर जाएगा और किसी को ढेर सारा खाना भी बनाना पड़ेगा ।
दीपिका: तो मुझे तो केवल 6 भाइयों को राखी बांधनी है ।
पंकज: ओ मेरी छोटी सी दीदी, तो क्या तू मौसी और मामांजी के बेटों को भाई नहीं मानती । वह 6 भी तो हैं ।
दीपिका: हां उस दिन शाम को मामाजी के घर भी तो जाना है । तो कुल 6 और 6 यानी 12 भाइयों के लिए राखी और भेंट खरीदनी है ।
पंकज: तो क्या तेरे पास 12 भाइयों के लिए राखी, मिठाई और भेंट खरीदने के लिए पैसे हैं ?
दीपिका: नहीं, डैडी के साथ जाऊंगी । उनके पास तो पैसे होते हैं ।
पंकज: पहनेगी क्या उस दिन ?
दीपिका: जो पैसे भैया दूज को मिले थे, उनसे मम्मी ने मुझे एक सुंदर सा लाल रंग का लैंहगा ले दिया है । वह पहनूंगी । अब जो राखी के पैसे मिलेंगे, उनसे भैया दूज के कपड़े ले लूंगी । रोज़ के कपड़े तो मम्मी डैडी वैसे ही ले देते हैं ।
चुनौती
शाम को दीपिका देव मामा जी के घर राखी मनाने गई । वहां पर नाना नानी तो थे ही, और मम्मी, डैडी, देव मामा जी, रिधि मामीजी, वीर मामाजी, परी मामीजी, ज़ोया मासी और उनके पति, और ट्रिशा मासी और उनके पति भी थे । गिन कर यहां लिखें कि यह बड़ों की संख्या कितनी हो गई ? उत्तर: 10
बड़ों की संख्या चाचाजी के घर 8 थी ।
तो दोनो जगह को मिला कर बड़ों की संख्या क्या थी । याद रहे कि दोनो संख्याओं का यो करके उनमें से दो घटाना है, क्यों कि अन्यथा दीपिका के मम्मी डैडी दो बारी गिने जाएंगे । उत्तर: 10 + 8 = 18 – 2 = 16 (उंगलियों पर गिन सकते हो 11, 12, 13, 14,15,16,17,18 और फिर 17,18 को काट दो )
दीपिका ने शाम को कितने भाइयों को राखी बांधनी थी, वह थे अवि, कबीर, रोहित, तेजा, हर्ष और टिंकू ? उत्तर: 6
सुबह के 6 मिला कर, दीपिका ने कुल कितने भाइयों को उस दिन राखी बांधी ? उत्तर: 6 + 6 = 12 (उंगलियों पर गिन सकते हो 7, 8,9,10,11,12)
शाम को पंकज की बहनो अक्शरा, इशिका, ज़ोया और सैरा ने उसे राखी बांधी थी । सुबह परी,मायरा, अन्वी और दीपिका ने । उसने कोई भी राखी नहीं उतारी । उसकी कलाई पर कुल कितनी राखियां हैं ? शाम के 4 + सुबह के 4 = 8 (उंगलियों पर गिन सकते हो 5, 6,7, 8)
क्या तुम अपने सारे भाई बहन गिन सकते हो – चाचा, ताया, भुआ, मौसी और मामा के बेटे बेटियां मिला कर ?