टीवी पर समाचार
बारह वर्षीय तानिया ने टीवी पर एक समाचार देखा जिसमें कहा गया था, “बिहार के खेतों में अनाज पैदा तो होता है पर इसका उचित भंडारण और यातायात न होने के कारण लोग भूखे मरते हैं । बिहार 24 लाख टन अनाज प्रति वर्ष पैदा करता है पर इसके केवल 25% का ही उचित रूप से भंडारण किया जाता है । वर्ष 2012-2013 में सरकार, अनाज भंडारण, जैविक खेती, हरी खाद और उद्याकरण (horticulture) की प्रगती के लिए 1367 करोड़ रुपए व्यय करेगी ।”
तानिया के लिए यह बड़ी संख्याएं थी । वह गणित के अध्यापक के पास गई क्यों कि वह अन्हें अच्छी तरह समझाता था पर उसने कहा कि वह अगली क्लास में यह सब छात्रों को बताएगा ।
रोटी के भार और अनाज का घनफल
अगले दिन क्लास में अध्यापक: कल तुमने रोटी खाई होगी पर क्या तुमें पता है कि एक किलो (किलोग्राम) आटे से औसत 40 रोटियां बनती हैं ? एक टन में 1000 किलो होते हैं । इसका मतलब है कि एक टन गेहूं से 40000 रोटियां बन सकती हैं ।
तानिया: यह रोटियों की संख्या तो बहुत बड़ी है । टीवी में कहा गया था कि बिहार 24 लाख टन अनाज प्रति वर्ष पैदा करता है । तो यह अनाज 40,000 x 24 लाख यानि 96 अरब रोटियों के समान है । पर टीवी पर यह भी कहा गया था कि अनाज की भंडारण एक समस्या है ।
गोदाम
अध्यापक: आम तौर पर 50 किलो अनाज की बोरियां बनाई जाती हैं । एक भरी हुई बोरी 100 सैंटीमीटर x 35 सैंटीमीटर x 25 सैंटीमीटर की होती है । इसका घनफर 70000 घनसैंटीमीटर यानि 0.07 घनमीटर हो गया । इन बोरियों के ढेरों को गोदामों में रखा जाता है ।
केतली: मेरे अंकल का एक गोदाम है । वह बहुत बड़ा है । मैं एक दिन उसके चारों ओर घूमी थी तो बड़ी देर लगी थी ।
पुरु: क्या हमारे स्कूल से भी बड़ा है ?
केतली: नहीं, पर हमारी क्लास के कमरे से तो बड़ा है । अंकल ने बताया था कि गोदाम 100 मीटल लम्बा, 20 मीटर चौड़ा और 5 मीटर ऊंचा है ।
तानिया: इसकी लम्बाई 100 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर का मतलब कि फ़र्श का क्षेत्रफल 2000 वर्गमीटर है । क्योंकि इसकी ऊंचाई 5 मीटर है, इसका घनफल 10000 घनमीटर है ।
अध्यापक: क्योंकि एक 50 किलो अनाज की बोरी का घनफल 0.07 घनमीटर होता है, इस गोदाम में ऐसी 142857 या कह लो लगभग 140000 बोरियों मे 7000000 किलो यानि 7000 टन अनाज रखा जा सकता है ।
तानिया: अब मुझे समझ आई है कि यह भंडारण की समस्या कितनी बड़ी है और क्यों सरकार इस पर इतना धन व्यय करेगी । केवल 7000 टन अनाज को ढंग से रखने के लिए इतने बड़े गोदाम की आवश्यकता है और फिर बिहार को तो 24 लाख टन के लिए गोदाम चाहिएं ।
साइलोबैग
अध्यापक: इससे बेहतर ढंग भी हैं । भारत के कुछ राज्यों ने साइलोबैग का प्रयोग भी आरम्भ कर दिया है । यह प्लास्टिक की तीन परतों का बना हुआ होता है । साइलोबैग एक 60 मीटर तक लम्बा और 3 मीटर व्यास (1.5 मीटर त्रिज्या (radius)) का सीलिंडर होता है । सीलिंडर का घनफल होता है: लम्बाई x पाई (π) x त्रिज्या2) । तो एक साइलोबैग का घनफल होगा 60 x 3.1416 x 1.52 यानि 424.116 घनमीटर । क्यों कि एक 50 किलो अनाज वाली बोरी का घनफल केवल 0.07 घनमीटर होता है, एक साइलोबैग ऐसी 6058.8 बोरियों के समान होता है । इसमें भरे हुए अनाज का भार 302940 किलो यानि 302.94 टन होगा । तो 24 लाख टन 8000 साइलोबैग में अच्छी तरह आ जाएगा ।
दीपिका: सरजी, यह तो प्लास्टिक का थैला है, फट भी सकता है । इसे किसी गोदाम जैसे सुरक्शित स्थान पर रखना भी तो पड़ेगा ।
अध्यापक: नहीं, यह केवल मज़बूत ही नही होता, यह अनाज को वर्षा, यूवी रोशनी और दूसरी वातावरण सम्बंधी हालात से भी बचाता है । इसे किसी बंजर या परती भूमी पर बाहर ही छोड़ा जा सकता है । बिहार को ऐसी नई विधियों की छानबीन करनी चाहिए ।
तानिया: सरजी धन्यवाद । मुझे साइलोबैग का पहले नहीं पता था । अच्छा है कि सरकार इस समस्या पर इतना धन व्यय करेगी । मुझे तो भय है कि इतना धन भी कम न पड़ जाए ।
चुनौती
पापा ने कहा,”जन्म दिन की बधाई, बेटा”, पुरु को एक सुंदर बैकपैक दिया और कहा,”यह बैकपैक का भार केवल 500 ग्राम है पर यह बहुत मज़्बूत है” । पुरु की पुस्त्कें 25 सैंटीमीटर लम्बी और 18 सैंटीमीटर चौड़ी हैं । हर पुस्तक की औसत ऊंचाई एक सैंटीमीटर है । पुरु ने जांचा कि ऐसी 6 पुस्त्कें इस बैकपैक में ले जा सकेगा । उससे पहले कि पुरू अधिक ही प्रसन्न हो जाए, बताओ कि इन पुस्तकों का घनफल क्या होगा और यदि कागज़ का घनत्व (density) 0.75 ग्राम प्रति घनसैंटीमीटर हो तो पुरु कितना भार ढोएगा ?
उत्तर: प्रत्येक पुस्तक 25 x 18 x 1 घनसैंटीमीटर की है तो 6 पुस्तकों का घनफल 25 x 18 x 6 = 5400 घनसैंटीमीटर हो जाएगा । घनत्व के 0.75 ग्राम प्रति घनसैंटीमीटर होने से इनका भार 4050 ग्राम होगा । खाली बैकपैक के भार का 500 ग्राम मिला कर यह 4550 ग्राम यानि 4.550 किलो बोझ पुरु को रोज़ ढोना पड़ेगा । खुश रह बेटा ।