एम्सटरडैम हवाई अड्डे पर दीवाली सेल
पिछली बार जब मैं यूरोप से गुजरा, तो मैने देखा कि एम्सटरडैम के हवाई अड्डे पर कई दुकानों ने दीवाली की सेल लगाई हुई थी । यह त्यौहार अब लगभग पूरे संसार में आर्थिक मान्यता रखता है । लंदन से न्यूयार्क तो दीवाली को मनाया ही जाता है पर कई दूसरे विदेशी शहरों के लोग भी इसके बारे में जान चुके हैं ।
भारत में तो दीपावली या दीवाली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है ही । यह हर्षपूर्वक दिवस इस लिए है कि इस दिन राम चंद्र जी 14 वर्ष के वनवास के बाद वापिस अयोध्या लौटे थे । कई व्यापारी समुदाय के लोग इस दिन लक्ष्मी पूजा भी करते हैं । भारत के अलग अलग धर्म संप्रदायों में इस दिवस की महानता कुछ भिन्न कारणो से भी है ।
बीसवीं सदी के पहले आधे समय तक तो दीपावली को एक धार्मिक त्यौहार की तरह ही मनाया जाता था – लोग मंदिरों में और नदियों के किनारे दिये जलाते थे । जब लगभग पूरे देश में बिजली आ गई तो घरों और दुकानो को रंग बिरंगे चमचमाते लट्टुओं से सजाया जाने लगा । हां कोई कोई शगुन के कारण एक आधा दिया भी जला लेता है । पटाखे चलाने का मज़ा भी इस रात को लिया जाता है ।
ज्यों ज्यों भारत में आर्थिक विकास हुआ, दीवाली केवल एक औद्योगिक दिवस मात्र बन गया है । अब तो परिजनो और मित्रों को भेंट देना ही महत्वपूर्ण कार्य होता है – खास तौर पर जिन्होंने तुम्हें कोई भेंट दी हो । पहले मिठाइयों की भेंट का रिवाज़ था जो अब मधुमेह रोग (शूगर का रोग या diabetes) के भय के कारण घट रहा है । पर भेंट तो देनी ही है – कोई और वस्तु और या बादाम, काजू, मेवा इत्यादि दिए जाते हैं । अरे, बात यहीं समाप्त नहीं होती । दीवाली के दो दिन बाद भैया दूज भी आता है – एक भाई बहन के प्यार का दिन । उस दिन भी ऐसी भेंट अक्सर दी जाती हैं । इस प्रकार दुकानदारों को भी अच्छा व्यवसाय मिल जाता है ।
मुद्रानगरवासी रघुनंदन प्रसाद की दुकान
मुद्रानगरवासी रघुनंदन प्रसाद (रघु) की दुकान पर दिवाली पर पहले तो केवल मिठाई ही बिकती थी, पर अब तो अधिकतर ड्राइ फ़्रूट और कुछ समोसे इत्यादी ही बिक रहे हैं । ड्राइ फ़्रूट के तो वहां भांति भांति के डिब्बे थे – माध्यम या कम आय वालों के लिए मिष्रण जिनमें मूंगफली भी शामिल हो, और अमीरों के लिए चिलगोज़े वाले डिब्बे भी । इस दिन रघु अपनी 14 वर्षीय बेटी राधा से बात कर रहे थे ।
राधा: पिताजी, आप कुछ उदास लग रहे हैं, क्या बात है ?
रघु: बादाम के थोक के भाव को तो जैसे आग लग गई है । पिछले वर्ष 4000 रुपए में 10 किलोग्राम मिल जाते थे और अब 7000 रुपए में मिलते हैं ।
राधा: फिर क्या करेंगे, बादाम तो आप हर तरह के डिब्बों में डालते हैं ? क्या डिब्बों के दाम बढ़ा देंगे ?
रघु: फिर तो उन्हें कोई खरीदेगा भी नहीं । कुछ और करना पड़ेगा ।
राधा: जैसे क्या ?
रघु: पता नहीं । पहले तो मैं अमीर लोगों के लिए चिलगोज़े और बादाम गिरियों का डिब्बा बनाता था जिसमें होते थे 400 ग्राम बादाम गिरी और 400 ग्राम चिलगोज़ा गिरी । बादाम 4000 रुपए के 10 किलो आते थे तो 400 ग्राम 160 रुपए के पड़ते थे । चिलगोज़े 40000 रुपए के 10 किलो मिलते थे यानि 1600 रुपए के 400 ग्राम । तो 800 ग्राम के डिब्बे के लिए 1760 रुपए का सामान आ जाता था, मज़दूरों का वेतन, दुकान का और डिब्बों का व्यय और अपने लाभ को मिला कर 2800 रुपए का डिब्बा बेच देता था ।
राधा: पिताजी आपने यह तो बताया नहीं कि अब क्या करना होगा ।
रघु: मैं दाम भी वही रखना चाहता हूं, दूसरे व्यय भी वही रहेंगे और मैं अपना लाभ भी नहीं घटाना चाहता ।
राधा: पिताजी, फिर तो एक ही उपाय है । मैं थोड़ी गणना कर के बताऊंगी ।
राधा का गुणन: बादाम का भाव है 7000 रुपए प्रति 10 किलो यानि 0.7 रुपए प्रति ग्राम । चिलगोज़े का भाव है 40000 रुपए प्रति 10 किलो यानि 4 रुपए प्रति ग्राम । मान लो कि नए डिब्बे में x ग्राम बादाम हैं और 800-x ग्राम चिलगोज़े । हमारी खरीद के दाम हो गए:
0.7x + 4 (800 – x) = 1760 रुपए जो पहले थे ।
= 7x + 40 (800 – x) = 17600 या 33x = 14400 या x = 14400/33 = 436.4 ग्राम ।
बड़ी खुश थी राधा । वह पिता जी के पास गई और उनसे कहा: पिताजी यदि आप डिब्बे में 436.4 ग्राम बादाम और 363.6 ग्राम चिलगोज़े डाल दें तो उनका कुल भार 800 ग्राम होगा और हमें उनकी खरीद के लिए 1760 रुपए देने पड़ेंगे, जैसे कि पहले
मिश्रण का नियम
रघु: बेटी, शाबाश । होशियारी का काम किया है । जब मैं प्राथमिक स्कूल में पढ़ता था तो मुझे एक अंकगणित की विधि सिखाई गई थी: मिश्रण का नियम । बादाम का दाम है 0.7 रुपए प्रति ग्राम, 4 रुपए प्रति ग्राम चिलगोज़े का, और हम 1760/800 = 2.2 रुपए प्रति ग्राम डिब्बे के सामान का भाव चाहते हैं । 4 में से 2.2 को घटा दिया और 2.2 में से 0.7 को । घटाव के उत्तर को नीचे लिख दिया जैसे कि चित्र में दिखाया है । अब यह दो आंकड़े 1.8:1.5 बादाम और चिलगोज़े की मात्रा का अनुपात बन गए । इस से 800 ग्राम के डिब्बे में 800 x 1.8/(1.8+1.5) यानि 436.4 ग्राम बादाम और बाकी यानि 363.6 ग्राम चिलगोज़े डालने चाहिएं । यह करने पर 800 ग्राम का दर 2.2 रुपए प्रति ग्राम यानि कुल कीमत 1760 रुपए हो जाएगी ।
राधा: यह विधि तो और भी सरल है, और आप को बीजगणित का प्रयोग भी नहीं करना पड़ा ।
रघु: प्राथमिक स्कूल में तो केवल अंकगणित ही होता था । तेरी बीजगणित वाली विधि तो हर स्थिति में लग सकती है पर यह तो केवेल दो वस्तुओं का हल ही बता सकती है । अच्छा, मैं एक बादाम और मूंगफली की गिरियों के समान भार का 800 ग्राम का डिब्बा भी बेचता हूं । मूंगफली की गिरी 1000 रुपए की 10 किलो आती है यानि 0.1 रुपए की ग्राम के भाव से । जैसे अभी तुझे बताया था कि थोक में बादाम का भाव पिछले वर्ष 0.4 रुपए प्रति ग्राम था और इस वर्ष 0.7 रुपए । तो इसको कैसे बदलूं ?
राधा: इसे मैं आप की विधि से करती हूं । पिछले वर्ष 400 ग्राम मूंगफली का भाव था 40 रुपए और बादाम का 160 रुपए । तो कुल 800 ग्राम की कीमत थी 200 रुपए यानि 0.25 रुपए प्रति ग्राम । अब बादाम का भाव 0.7 रुपए प्रति ग्राम, मूंगफली का 0.1 और हम डिब्बे का भाव 0.25 रुपए प्रति ग्राम चाहते हैं । तो मेरा चित्र बन गया और बादाम और मूंगफली का अनुपात 0.15:0.45 होगा । अर्थात एक 800 ग्राम के डिब्बे में 800×0.15/(0.15+0.45) यानी 200 ग्राम बादाम और 600 ग्राम मूंगफली होंगे ।
राधा ने पिताजी को बताया: बादाम और मूंगफली एक समान डालने के स्थान पर एक डिब्बे में 200 ग्राम बादाम और 600 ग्राम मूंगफली डालने होंगे ।
पिताजी: यह तो भद्दा लगेगा । सोचूंगा कि इस डिब्बे को छोटा बना दूं, बादाम की जगह कोई नमकीन डाल दूं और या दाम बढ़ा दूं । अच्छा, थक गई या एक कठिन समस्या बताऊं ?
राधा: बताओ ।
सबसे लोकप्रिय चार वस्तुओं वाला डिब्बा
रघु: सबसे लोकप्रिय है मेरा एक चार वस्तुओं वाला 800 ग्राम का डिब्बा । इसमें बादाम गिरी, अखरोट गिरी, काजू और किशमिश होते हैं, हर वस्तु की मात्रा 200 ग्राम होती है । पिछले साल इनके 10 किलो के थोक से प्रति ग्राम भाव थे: बादाम 40 पैसे, अखरोट 120 पैसे, काजू 80 पैसे और किशमिश 25 पैसे । बादाम 70 पैसे प्रति ग्राम हो गए हैं और बाकी वस्तुएं मुझे पुराने भाव पर ही मिल जाएंगी ।
राधा फिर गणना करने बैठ गई । पिछले वर्ष तो हर वर्ष की़ वस्तु की मात्रा समान थी, इस लिए डिब्बे की वस्तुओं का औसत दाम (120+80+40+25)/4 यानि 66.25 पैसे या 0.6625 रुपए / ग्राम हो गया । थोड़ा सोचने के बाद उसने सब वस्तुओं को दो भागों मे बांट लिया – बादाम और बिनबादाम: अखरोट, काजू और किशमिश । बिनबादाम की तीनो समान मात्रा की वस्तुओं का औसत दाम होगा (120+80+25)/3 यानि 75 पैसे या 0.75 रुपए / ग्राम । इस वर्ष बादाम 0.7 रुपए प्रति ग्राम हैं, बिनबादाम हैं 0.75 रुपए प्रति ग्राम । इस समस्या का हल तो असंभव लग रहा था क्योंकि जिस तरह से भी इन्हें मिला लो 0.6625 रुपए प्रति ग्राम का दाम तो मिल ही नहीं सकता ।
दृढ़ संकल्पी राधा ने अपना धीरज नहीं खोया । उसने एक और उपाय निकाला । बादाम, अखरोट और काजू को तो समान मात्रा में डालने से इस बिनकिशमिश समूह का भाव (70+120+80)/3 यानि 90 पैसे (0.9 रुपए) प्रति ग्राम हो जाएगा और किशमिश का भाव तो केवल 25 पैसे (0.25 रुपए) प्रति ग्राम है । पूरे डिब्बे के लिए तो पिताजी पिछले वर्ष वाला यानि 0.6625 रुपए/ग्राम का भाव चाहते थे । चित्र बनाकर उसने निकाला कि बिनकिशमिश और किशमिश का अनुपात 0.4125 : 0.2375 होगा यानी 800 ग्राम के डिब्बे में 800×0.4125/(0.4125+0.2375) = 507.7 ग्राम बिनकिशमिश होगा और 292.3 ग्राम किशमिश । इस तरह इस डिब्बे में अखरोट, काजू, बादाम और किशमिश की मात्रा 169.2, 169.2, 169.2 और 292.4 ग्राम होंगी ।
इसके बाद उसने सोचा कि अखरोट सबसे कीमती हैं, और उनके घनफल और भार का अनुपात भी बड़ा होता है । क्यों न वह अखरोट और बिनअखरोट के गुटों को बना कर भी गणना कर ले । बिनअखरोट में समान मात्रा में होंगे बादाम (0.7 रुपए/ग्राम), काजू (0.8 रुपए / ग्राम) और किशमिश (0.25 रुपए / ग्राम) यानी सामूहिक भाव 0.5833 रुपए प्रति ग्राम होगा । अखरोट का भाव है 1.2 रुपए प्रति ग्राम । राधा ने फिर पहले जैसा चित्र बनाकर निकाला कि बिनअखरोट और अखरोट की मात्रा का अनुपार 0.5375:0.0792 होगा । जिससे 800 ग्राम के डिब्बे में 697.3 बिनअखरोट और 103.7 ग्राम अखरोट होंगे । तो इस डिब्बे में होंगे 102.7 ग्राम अखरोट + 232.4 ग्राम बादाम + 232.4 ग्राम काजू + 232.4 ग्राम किशमिश ।
राधा को मज़ा नहीं आया । फिर उसे एक और विधि सूझी । क्यों न वह पिछली दो विधियों के उत्तरों को मिला दे । तो उसने पिछले दो उत्तरों को लिखा और फिर उनकी औसत निकाली ।
बिनकिशमिश विधि से 169.2 ग्राम अखरोट + 169.2 ग्राम बादाम +169.2 ग्राम काजू +292.3 ग्राम किशमिश की कीमत 530 रुपए
बिनअखरोट विधि से 102.7 ग्राम अखरोट + 232.4 ग्राम बादाम + 232.4 ग्राम काजू + 232.4 ग्राम किशमिश की कीमत 530 रुपए
औसतन विधि में दोनो विधियों के योगफल को दो से भाग कर दिया
(169.2+102.7)/2 ग्राम अखरोट + (169.2 + 232.4)/2 ग्राम बादाम + (169.2 + 232.4)/2 ग्राम काजू + ( 292.3 + 232.4)/2 ग्राम किशमिश की कीमत 530 रुपए, यानि
136 ग्राम अखरोट + 200.75 ग्राम बादाम + 200.75 ग्राम काजू + 262.5 ग्राम किशमिश की कीमत 530 रुपए ।
राधा: पिताजी, यह देखो मैने तीन विधियों से इस समस्या का समाधान निकाला है । मेरे विचार से तो अंतिम उत्तर ही श्रेष्ठ है ।
रघु: वाह बेटी, मुझे तुझ पर गर्व है । इतना कुछ सीख गई तो और तू इतनी देर ध्यान से काम भी कर लेती है । अच्छा, राधा अब तू घर जा, और कुछ खा पी कर खेल । तूने मेरा बहुत काम कर दिया आज ।
चुनौती
रंजना की शादी तय हो गई थी । उसके माता पिता ने निर्णय किया कि वह शादी के आमंत्रन के कार्ड के साथ मिठाई का डिब्बे भी देंगे – जैसे का आजकल माध्यम वर्ग की रीत बन गई है । तय हुआ कि 400 कार्ड बांटे जाएंगे और 20000 रुपए का मिठाई के डिब्बों का बजट बन गया – यानि 500 रुपए प्रति डिब्बा । दुकान वाले ने कई मिठाइयां दिखाई और बताया कि डिब्बे भी मिठाई की कीमत में सम्मिलित थे । सोचा गया कि देने वाला डिब्बा एक किलो का होगा और डिब्बों में केवल खोया बर्फ़ी (320 रुपए प्रति किलो) और काजू बर्फ़ी (800 रुपए प्रति किलो) ही डाले जाएंगे । यदि सब डिब्बे एक जैसे हों तो एक डिब्बे में कितनी काजू की बर्फ़ी होगी ?
उत्तर
खोया बर्फ़ी (320 रुपए प्रति किलो), काजू बर्फ़ी (800 रुपए प्रति किलो), मिश्रण (500 रुपए प्रति किलो) ।
मिश्रण वाला चित्र बनाओ । खोया बर्फ़ी और काजू बर्फ़ी का अनुपात 300:180 होगा । तो एक किलोग्राम के डिब्बे में होंगे 1000×300/(300+180) = 625 ग्राम खोया बर्फ़ी होगी और 375 ग्राम काजू बर्फ़ी ।