सुंदर अप्सरा

ankafig.10.1सुंदर वधु

ज़मीनदार लखन सिंघ एक रईस  पुरुष था ।  वह विवाहित था और उसकी पत्नी भी सुंदर थी । उसका बेटा जीवन लाल उनकी इकलौती सन्तान था । जब जीवन 20 वर्ष का हुआ तो उसके माता-पिता ने उसकी वधु की खोज आरम्भ  कर दी ।  उन्हें एक माननीय परिवार से अप्सरा नाम की लड़की मिली ।  अप्सरा देखने में अत्यंत सुंदर थी और जीवन एक दम विवाह के लिए मान गया ।  विवाह संस्कार पारंपरिक प्रथा की विधि से हुआ ।  विवाह के समारोह में तो ऐसी धूमधाम थी जैसे राजाओं के विवाह में होती है ।  बहू-बेटा अपने सास-ससुर के साथ एक ही घर में रहने लगे ।  कुछ समय के बाद ज़मीनदार की पत्नी को अप्सरा अखरने लगी । हमेशा अप्सरा दिखाने की कोशिश करती थी कि वह  अपनी सास से अधिक सुन्दर और चतुर है ।  दोनो में इस प्रतियोगिता से झगड़ा होने लगा ।  जीवन की मां और पत्नी दोनो आकर उससे एक दूसरे की शिकायत करती थी, लगभग प्रति दिन ।  बात यहां तक पहुंच गई कि लखन सिंघ ने जीवन को कहा यदि अप्सरा नहीं सुधरी तो वह उन दोनो को घर से निकाल देगा ।  उत्तर में जीवन ने दादा जी का वसीयतनामा दिखाया और कहा, “इसमें मेरे भी कुछ अधिकार लिखे हैं, इस लिए आप हमें घर से नहीं निकाल सकते ।”  पिता और पुत्र तो न्यायालय जा कर लड़ने पर तैयार हो ग​ए थे पर किसी मित्र नें उन्हें आपसी समझौते के मार्ग के लिए मना लिया ।  समझौता हुआ कि सम्पत्ती के चार बराबर भाग किए जाएंगे – एक भाग मिलेगा लखन सिंघको, दूसरा उसकी पत्नी को, तीसरा जीवन को और चौथा अप्सरा को ।  लखन सिंघ इस समझौते को इसलिए मान गया क्योंकि वह न्यायालय के नाटक में नहीं फसना चाहता था और  चाहता था कि उसका बेटा अच्छी तरह रह सके । उसके विचार में यह भी था कि माता-पिता के मरने के बाद तो सम्पत्ती सन्तान की हो ही जाती है ।

सम्पत्ती का बटवारा

ज़मीनदार की सम्पत्ती थी: 24,000 वर्ग मीटर खेतीबाड़ी की धरती, 32 गाय, 9 मकान और 40,00,000 रुपए की नकद – अलग अलग खातों में ।   बीचबिचाव करने वाले  दलाल ने आंका कि धरती तो सारी समान मूल्य की ही थी, 8 मकानों का मूल्य भी लगभग बराबर था पर नौवां मकान थोड़ा छोटा और सस्ता था ।

गुणनखंड (Factors)

बटवारे का काफ़ी भाग तो सरल था ।  वह हर चीज़ के लिए, विभाज्य के आंकड़े का 4 के खंड से विभाजन कर देगा ।  गुणज 24,000 गुणनखंड थे 6,000 x 4,  इसलिए वह  24,000  वर्गमीटर की धरती को  6,000 के 4 हिस्सों में बांट देगा ।  गाय का काम भी सरल था ।   गुणज 32 के गुणनखंड हो ग​ए 8 x 4, तो वह हर एक को 8 गाय दे देगा ।

नौ मकान थे । 9 का गुणनखंडन पर तो 3 x 3 आया पर 4 भागों मे बांटना था । उसने स्थिति को थोड़ा और ध्यान से देखा । आठ मकान तो लगभग समान मूल्य वाले थे । आठ का विभाजन करने से 4 x 2 आया । इसलिए वह चारों को ऐसे दो दो मकान दे सकता था ।  बटवारे का कठिन पक्ष तो यह कम मूल्य वाला नौवां मकान था । उसने एक भूमि-भवन के दलाल से बात की । दलाल ने कहा कि यह मकान केवल छोटा ही नहीं है, इसमें बहुत कुछ ठीक भी करवाना पड़ेगा ।  इस इलाके में धरती का मूल्य भी कम है । यह सब देख कर इसका मूल्य केवल 8,00,000 रुप​ए होगा ।

बीचबिचाव करने वाले दलाल का हिसाब

बीचबिचाव करने वाले दलाल ने हिसाब लगाया कि  छोटे मकान का मूल्य और नकद का योगफल 48,00,000 रुप​ए था । उसने इस गुणज का गुणनखंडन का फल   12,00,000 x 4 निकाला ।  उसने चारों को बताया कि दो विधियां हैं ।  एक है कि नौवें मकान को बेच दिया जाए और सब को बराबर पैसे मिल जाएं ।  दूसरा है कि एक व्यक्ति यह मकान ले ले और इसके मूल्य के हिसाब से कम नकद ले ।  उसके हिसाब से इस मकान को लेने वाले को दूसरों से 8,00,000 रुप​ए कम मिलेंगे ।  अप्सरा मकान लेना चाहती थी और उसे कम पैसे मिलने में कोई आपत्ति नहीं थी ।  ज़मीनदार, उसकी पत्नी और जीवन हर एक को 12,00,000  रुप​ए मिले और अप्सरा को 4,00,000 रुप​ए नकद और यह 8,00,000 रुप​ए वाला मकान । और हां, हर एक को यह भी मिला – दो बड़े मकान , 8 गाय और 6,000 वर्गमीटर खेतीबाड़ी वाली धरती ।

ज़मीनदार की सोच थी कि सारी सम्पत्ती का चार हिस्सों में बटवारा उचित था । वस इसे केवल दो हिस्सों में भी बांट सकता था – एक उसका और उसकी पत्नी का और दूसरा जीवन और अप्सरा का । पर  कौन जानता है कि ऐसा करने पर पत्नियां कल फिर से झगड़ा शुरू कर दें ।

अंत में बीचबिचाव करने वाले दलाल की शुल्क की बात भी थी । पहले से ही निर्णय हुआ था की शुल्क का आंकड़ा 4,00,000 रुप​ए होगा । इसे भी 4 हिस्सों में बांटा गया । क्यों कि 1,00,000 x 4 होता है 4,00,000, हर एक ने 1,00,000 रुपए दलाल को दिए ।

चुनौती

अप्सरा कहती है कि उसके पास 9 गरारे, 9 चोलियां, 12 फ़्राकें और 18 जोड़े जूते हैं । इन वस्तुओं की सूची बनाओ और बताओ किनके गुणखंडन (factors) में केवल 2, केवल 3 या दोनो आते हैं ।

त्तर: केवल 3 गुणनखंड वाले: गरारे 9 (3 x 3), चोलियां  9 (3 x 3) ।

केवल 2 गुणनखंड वाले: कोई भी नहीं ।

2 और 3 गुणनखंड वाले: फ़्राकें 12 (2 x 2 x 3), जूतों के जोड़े 18 (2 x 3 x 3)

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