तानिया कौन है
ठाकुर रघुवीर सिंह बहादुरगंज ब्लाक (जिला किशनगंज, बिहार, भारतवर्ष) में रहते थे जहां सब उनका आदर करते थे । वह विवाहित थे और उनके दो बेटे भी थे – जीवन सिंह और राजकुमार सिंह । जीवन सिंह बड़ा था और परिवार के व्यवसाय में हाथ बटाता था । उस की पत्नी भागीरथी झांसी के एक गांव लहरठाकुर पुरा में जमी पली थी । बी ए और कुछ खेल विज्ञान की शिक्षा के बाद उसका विवाह हो गया था । भागीरथी का नाम भी झांसी की रानी की मां के ऊपर ही रखा गया था । उसे इस सर्वशेश्ट महिलावादी रानी की निपुणता और वीरता की कहानियां बड़ी पसंद थी । पर बेटी के पैदा होने पर चाचाजी ने उठाया और उसे तानिया का नाम दे दिया । सबने इस सुंदर नाम को स्वीकार कर लिया ।
तानिया का एक नाक है, एक मुख, दो आंखें….
परिवार में तानिया इकलौती ही नन्नी बालिका थी । तानिया सबसे प्यार करती थी सिवाय चाचाजी के जिनकी तो वह पूजा करती थी । आप का यह कहना ठीक होगा कि वह उनकी भक्त थी, पर यह भाव एक तरफा नहीं था । चाचाजी मुम्बई में रहते थे, पर जब भी वह घर आते थे केवल तानिया का ही उन पर पूरा अधिकार होता था । चाचाजी ने ही तानिया को शीशे के सामने खड़ा किया और दिखाया कि वह कितनी सुंदर थी । उनोने इससे भी कहीं अधिक किया । चाचाजी ने दिखाया कि तानिया का एक नाक है, एक मुख, दो आंखें, दो कान, दो हाथ, दो टांगें, और केवल एक ही पेट । उसे बड़ा मज़ा आया जब उनोने कहा एक ही पेट।
मेरे हाथ में पांच उंगलियां हैं
तानिया फिर चाचाजी के पास आ गई, उनके इर्द गिर्द नाची और उसके बाद अपने हाथ की उंगलियों से खेलने लगी । जब चाचाजी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया तो बोली “आपने मुझे नहीं बताया कि मेरे हाथ में कितनी उंगलियां हैं ।” चाचाजी ने उसका हाथ पकड़ कर एक उंगली को दबा कर कहा एक, तो तानिया ने भी बोला एक । फिर दूसरी उंगली को दबा कर कहा दो, तो तानिया ने भी दोहराया दो । इस तरह तानिया ने सीखा कि उसके हाथ में पांच उंगलियां हैं । सारा दिन हाथ को ऊपर उठा कर नाच कर कहती रही, “मेरे हाथ में पांच उंगलियां हैं, एक दो तीन चार पांच. मेरे हाथ में पांच उंगलियां हैं।
मेरी दस उंगलियां हैं
जल्दी ही तानिया को आभास हुआ कि चाचाजी ने तो केवल एक ही हाथ की उंगलियां गिनी थी । उसने अपने दूसरे हाथ को ध्यान से देखा, उसमें भी पांच उंगलियां थी । कूदती हुई वह चाचाजी की गोद में गई ।
तानिया: चाचाजी, आपने कहा था कि मेरे इस (बांएं) हाथ में पांच उंगलियां हैं । मेरा दूसरा हाथ भी तो है । उसमें भी पांच उंगलियां हैं । मैने अभी अभी गिनी हैं ।
चाचाजी: होशियार लड़की, मैने तेरे केवल बांएं हाथ में पांच उंगलियां गिनी थी । अब दोनो हाथ दिखा । एक, दो, तीन, चार, पांच, छः, सात, आठ, नौ, दस । तेरे हाथों पर दस उंगलियां हैं ।
जो भी संख्या चाचाजी ने बोली, तानिया उसे दोहराती गई। उसके बाद उसने कहा, “मेरी दस उंगलियां हैं, पांच बांएं हाथ में, और पांच दांएं हाथ में ।
चाचाजी तो मुम्बई चले गए पर तानिया की खोज अभी भी चल रही है।
चुनौती
सप्ताह में आने वाले दिनों के नाम: सोमवार, मंगलवार, बुद्धवार, गुरूवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार । गिन कर बताओ कि एक सप्ताह में कितने दिन होते हैं ।