तानिया क्रिकेट खेलना चाहती थी
तानिया अपने चाचाजी के बहुत करीब थी और अक्सर उनसे फ़ोन पर बात करती रहती थी । बातों बातों में उसने चाचाजी को कहा कि वह क्रिकेट खेलना चाहती है । फिर क्या था, अचानक एक संतेशहर (courier) बल्ला और क्रिकेट की नरम वाली गेंद लाया । चाचाजी ने भेजी थी ! पता लगने पर इस दस वर्षीय लड़की की आंखों में खुशी के आंसू आ गए । एक दम तानिया ने फ़ोन उठाया और चाचाजी को इस भेंट के लिए धन्यवाद दिया ।
रात को तानिया मजे से सोई और सपने में वह और मिथाली राज एक अंतरराष्ट्रीय खेल को शुरू कर रहे थे । सुबह उठ कर वह स्कूल गई । स्कूल में उसने कई मित्रों से उसके घर आकर क्रिकेट खेलने की दिलचस्पी के बारे में पूछा ।
घर के पिछवाड़े में क्रिकेट
तानिया ने भागी (मांजी) से घर के पिछवाड़े में खेलने की अनुमती ले ली । एक छोटा सा डब्बा बना विकेट्स । टिन्कू, पुरु, मनाल और तीन दूसरे मित्र खेले । यह किस्सा कुछ दिन तक चला । लगता था सबको खेल का मज़ा आ रहा था पर अचानक लड़कों ने आना बंद कर दिया । दीपिका ने बताया कि वह अब लड़कों की जूनियर लीग में खेलते हैं ।
तानिया ने मांजी से पूछा कि यदि छोटी लड़कियों की टीम शहर में है अन्यथा क्या लड़कियां भी लड़कों की टीम में खेल सकती हैं । मांजी ने पूछताछ की, पर दोनो बातों का उत्तर न में था ।
लड़कियों की क्रिकेट टीम बनी
घर में सबको पता था कि तानिया कितनी निराश थी । दो तीन दिन में ही दादाजी ने लड़कियों की क्रिकेट के लिए एक मैदान का प्रबंध कर दिया पर कहा कि उन्हें पिच के स्थान पर एक चटाई प्रयोग करनी पड़ेगी । यह सुनकर तानिया प्रसन्न तो थी पर अब कई समस्याएं उसकी सोच में आईं । पहली समस्या थी टीम के लिए इतनी सारी लड़कियां ढूंढना । मनाल ने बताया कि गुलबानो के पास भी एक बल्ला है और 6 लड़कियां उसके घर खेलने आती हैं । तानिया को स्कूल में मित्रों से बात करने पर पता चला कि बहुत लड़कियां खेलना चाहती थीं । निरीक्षण के लिए दो महिलाओं की आवश्यकता होगी । भागी तो एक दम तैयार थी जैसे उसका सपना सच हो गया हो । विवाह के बाद वह कालेज के दिनो के खेलों के जीवन के लिए तरसती थी । मनाल की मां भी सहायक शिक्षक बनने के लिए तैयार हो गई । कई लड़कियों के माता-पिता ने मिल कर क्रिकेट का सामान खरीदा ।
तो ऐसे हुआ, श्री गणेश, इस अपरिवर्तनवादी शहर की पहली लड़कियों की क्रिकेट टीम का । टीम में थी 10 से 13 साल की 15 लड़कियां और दो शिक्षक महिलाएं । कई बार दूसरी माताएं भी सहायता करती थीं । शिक्षक का नियम था कि टीम की हर लड़की खेलेगी यानि वह बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फ़ील्डिंग करेगी । शिक्षक ने उन्हें बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी सिखाई । वह अक्सर मिथाली राज के विडियो दिखाती थी बल्लेबाज़ी के लिए, और झूलन गोस्वामी के विडियो गेंदबाज़ी के लिए । विडियो अपनी जगह पर अच्छे थे पर अभ्यास तो आवश्यक था । गेंद को फैंकने और पकड़ने का अभ्यास भी शिक्षक करवाती थी । लड़कियां क्रिकेट के पूरे खेल का मज़ा भी लेती थीं ।
शहर से बाहर का टूर्नामेंट
लड़कियां आपस में क्रिकेट खेलने का मज़ा तो ले रही थीं पर उनकी एक आकांक्षा थी कि वह किसी दूसरी टीम का सामना करें । उनकी यह प्रार्थना भी स्वीकार हो गई । भागी को समीप के गांव पटोले में रहने वाली एक मित्र ने फ़ोन किया । उसे भागी की टीम की पूरी जानकारी थी । उसने भागी की टीम को पटोले आकर उसकी टीम से एक 15 ओवर की ओ डी आई खेलने का निमंत्रण दिया । इस आरूप में पहले दो गेंदबाज़ तीन तीन ओवर ले सकते थे और उसके बाद हर गेंदबाज़ को केवल एक या दो ओवर ही मिलते थे । भागी ने शिक्षक होने का नाते इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया । खेल का स्थान, तिथि और समय का भी निर्णय हो गया । पता लगने पर भागी की टीम की लड़कियों ने तो खुशी से उछलना शुरू कर दिया । यह मौका था, पटोले जाकर उनकी टीम का सामना करने का । हां, इसका मतलब यह भी था की वह गाड़ी में इकट्ठी जाएंगी और पटोले में भी पिक्निक जैसा वातावरण होगा ।
खेल के दिन चार महिलाएं लड़कियों के साथ पटोले गईं । और हां, टिन्कू भी वहां खेलदर्शन के लिए पहुंचा हुआ था, लड़कों की पूरी टीम के साथ । तानिया की टीम ने टास जीता और निर्णय किया कि पटोले की टीम पहले बल्लेबाज़ी करे । जीतू ने पहले गेंदबाज़ी की । तीन ओवर में 8 रन दे कर तीन विकेट उड़ा दीं । अब तानिया को गेंदबाज़ी की बारी दी गई । उसने दो ओवर में 10 रुन देकर दो खिलाड़ियों को आउट कर दिया । बाकी की गेंदबाज़ी मनाल और दूसरी खिलाड़ियों ने 8 ओवर के लिए की । इस समय पटोले के सारी टीम आउट हो चुकी थी 31 रन बनाकर । इसका मतलब था कि भागी की टीम को जीतने के लिए 32 रन बनानी थी ।
रेखा चित्र
भागी ने गुलबानो और मनाल को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा । गुलबानो ने बढ़िया बल्लेबाज़ी की । आउट होने से पहले उसने 12 रन बनाए जिन में से 8 रन दो चौकों में थे । फिर तानिया और मनाल साथी बन गए । तानिया ने 8 रन बनाए और आउट हो गई । अब तक मनाल ने केवल 7 ही रन बनाए थे पर वह खेल में डटी रही । और बल्लेबाज़ आईं और थोड़े थोड़े रन बनाकर आउट हो गईं । दसवें ओवर के अंत तक मनाल ने 10 रन बना ली थी । गुलबानो के 12, तानिया के 8, मनाल के 10 (नाट आउट) और दूसरे खिलाड़ियों के 2 रन मिला कर कुल 32 रन बन गए थे और भागी की टीम जीत गई थी । खेल के बाद दोनो टीम के खिलाड़ियों ने इकट्ठे बैठ कर खाना खाया । इस तरह पिकनिक का वातावरण बन गया जिससे इन क्रिकेट के खिलाड़ियों को नए मित्र भी मिल गए ।
पटोले के खेल के बाद अगले दिन टिन्कू तानिया के घर आया । उसके पास हर रन – हर बाल का पूरा व्यौरा था – उसे मज़ा आता था यह सब करने में ।
भागी: टिन्कू, लगता है कि तू सारी खेल का लेखा लाया है । खेल और खिलाड़ियों के बारे में तर्क वितर्क बाद में करना पहले सब मिल कर एक ग्राफ़ बनाओ ।
टिन्कू: शलाक ग्राफ़, उस दिन की तरह ?
भागी: नहीं, इस बार शलाक चित्र नहीं पर रेखा चित्र बनाना है । क्षैतिज अक्ष पर लिखो ओवर संख्या 1,2,3.. इत्यादि 10 तक, क्योंकि हमारी टीम 10 ओवर खेली थी । लम्ब अक्ष पर होगी कुल रन संख्या उस ओवर तक । हर ओवर के बाद रन संख्या को एक बिंदु बनाकर दिखा दो ।
तानिया और टिन्कू ने भागी के आदेश अनुसार चित्र बना कर उसे दिखाया तो भागी ने कहा बिन्दुओं को रेखाओं से मिला दो (रेखा चित्र देखें) ।
तानिया: यह रेखा चित्र तो बढ़िया है ।
टिन्कू: हां, यह स्पष्ट करता है कि कैसे एक ओवर से दूसरे ओवर में रन रेट बदला ।
तानिया: जब शुरू में गुलबानो या मैं खेल रहे थे तो रन रेट अधिक था पर फिर कम हो गया । मगर, मैं मनाल के शुरू से अंत ताक डटे रहने की प्रशंसा भी करती हूं । याद है न वह अंत तक नाट आउट रही थी ।
टिन्कू: यह रन रेट देखने का अच्छा तरीका है । यह एक संपूर्ण चित्र देता है । आंटीजी, इस सलाह के लिए धन्यावाद ।
पटोले वाले खेल के बाद लड़कों की क्रिकेट टीम ने लड़कियों की टीम का सामना करना स्वीकार कर लिया । हां, आगामी वर्षों में भी लड़कियों की क्रिकेट टीम चलती रही ।
चुनौती
तुम्हारी 24 छात्रों की श्रेणी को स्कूल में सर्वोत्तम होने की मान्यता दी गई और इस खुशी में एक मानव जंजीर बनाई गई । पहला छात्र एक दीवार के बिल्कुल पास था लगभग केवल 60 सैंटीमीटर दूर, दूसरा उसके पिछे, तीसरा उसके पीछे इत्यादि ताकि एक सीधी पन्क्ती बने । साथ-साथ के दो छात्रों में 60 सैंटीमीटर का अंतर था । प्रत्येक छात्र की दीवार से दूरी का गणन करो । इसे स्पष्ट रूप से दिखाने के लिए दीवार से दूरी और छात्र संख्या का रेखा चित्र (line graph) बनाओ ।
उत्तर: पहले छात्रों की दीवार से दूरी निकालो । इसे सैंटीमीटर की जगह मीटर में करना अच्छा हो गा । क्योंकि एक मीटर में 100 सैंटीमीटर होते हैं, छात्रों की दीवार से दूरी 0.6 x छात्र संख्या होगी ।