वीरू के 219 – टिन्कू का खाता
गुरुवार दिसम्बर 8, 2011 को भारत और वैस्ट इन्डीज़ के बीच एक वन डे इनिंग (ओ डी आई) क्रिकेट मैच खेला गया था । विरेन्दर सहवाग (वीरू) ने 219 रन बना कर ओ डी आई का एक नया रिकार्ड कायम कर दिया था । भागी ने पूरे खेल को रिकार्ड कर लिया, और तानिया और उसके मित्रों को इसे रविवार को दिखाया । टिन्कू इस खेल का विस्तार पूर्वक विश्लेषण करना चाहता था । अगले दिन वह आया और तानिया तो उसकी राह देख रही थी । प्रत्येक बल्लेबाज़ और पूरी टीम के स्ट्राइक रेट और रन रेट की गणना की, और परिणाम के आंकड़ों की तालिका बनाई थी ।
कई दिन बीत गए । आज तानिया के घर मिनाल आई हुई थी और दोनो मज़े से गपशप कर रहे थे । टिन्कू भी आ टपका ।
टिन्कू: आज मैं संबंध देखना चाहता हूं हर ओवर के बाद सहवाग की कुल रन संख्या का ओवर संख्या से ।
तानिया: उस दिन किया तो था तूने पूरा विष्लेशन ।
टिन्कू: नहीं, उस दिन तो केवल औसत संबंध ही निकाले थे । मेरे पास हर ओवर की रन का व्यौरा है इस खाते में । मैं देखना चाहता हूं कि कुल रन संख्या और ओवर संख्या में क्या संबंध है ।
मनाल: तेरे खाते को देख कर लगता है कि ओवर संख्या के साथ रन संख्या बढ़ रही है ।
टिन्कू: वह तो बढ़नी ही है क्यों कि रन कभी वापिस नहीं लिए जाते । छोड़, मैं यह प्रश्न गणित के सरजी से करूंगा ।
टिन्कू अध्यापक के पास गया
टिन्कू अध्यापक के पास गया, अपना खाता दिखाया और पूछा कि इन दो संख्याओं में क्या यथार्थ संबंध है । अध्यापक ने कहा कि यह बात वह सारी क्लास को इकट्ठे समझाएंगे । अगले दिन क्लास में उन्होंने बोर्ड पर टिन्कू का सारा खाता लिख दिया, विद्यार्थिओं को टिन्कू का प्रश्न बताया, और फिर अपना शिक्षा उपदेश शुरू किया ।
सहवाग की कुल रन संख्या हर ओवर के बाद | |||||||
ओवर | कुल रन | ओवर | कुल रन | ओवर | कुल रन | ओवर | कुल रन |
1 | 1 | 13 | 47 | 25 | 104 | 37 | 167 |
2 | 6 | 14 | 48 | 26 | 110 | 38 | 170 |
3 | 14 | 15 | 54 | 27 | 111 | 39 | 171 |
4 | 15 | 16 | 56 | 28 | 114 | 40 | 181 |
5 | 20 | 17 | 62 | 29 | 119 | 41 | 186 |
6 | 21 | 18 | 71 | 30 | 125 | 42 | 189 |
7 | 21 | 19 | 76 | 31 | 128 | 43 | 195 |
8 | 23 | 20 | 77 | 32 | 129 | 44 | 201 |
9 | 28 | 21 | 89 | 33 | 141 | 45 | 210 |
10 | 30 | 22 | 95 | 34 | 146 | 46 | 215 |
11 | 38 | 23 | 100 | 35 | 147 | 47 | 219 |
12 | 45 | 24 | 102 | 36 | 159 |
y = a + bx
अध्यापक: दो चरवस्तुओं (variables) की संख्या में संबंद्ध समझने के लिए सबसे पहले एक रेखा चित्र बनाओ । यहां हम क्षैतिज अक्ष पर ओवर की संख्या लिखेंगे और लम्ब अक्ष पर कुल रन । फिर हर ओवर के बाद की कुल रन संख्या पर एक बिंदु लगा देंगे । क्योंकि लगता है कि सारे बिंदु लगभग एक सीधी रेखा बना रहे हैं, हम कहेंगे की कुल रन संख्या और ओवर संख्या में एक रैखिक संबंध है । हर सीधी रेखा का एक अवरोधन (intercept) और एक प्रवणता (slope) होते हैं । लम्ब अक्ष अवरोधन (y-intercept) वह संख्या होती है जहां रेखा इस अक्ष पर मिलती है । रेखा का समीकरण सरलता से लिखा जाता है:
y = a + bx, जब y = लम्ब अक्ष की संख्या, x = क्षैतिज अक्ष की संख्या, a = अवरोधन और b = प्रवणता ।
क्यों कि सहवाग के शून्य ओवर खेलने पर उसकी कुल रन संख्या शून्य थी, अत: लम्ब अक्ष अवरोधन शून्य होगा । प्रवणता होती है जिस तेज़ी से रेखा ऊपर या नीचे जाती है । समीकरण से निकाली गई उचित रेखा मैंने इस चित्र में दिखा दी है । इस समीकरण की विधियां तुमें उच्च श्रेणियों में पढ़ाई जाएगी ।
टिन्कू: सरजी, आपने बताया कि इस रेखा का अवरोधन तो शून्य है, पर इसकी प्रवणता नहीं बताई ।
अध्यापक: 4.74.
टिन्कू: सरजी, कोई उदाहरण दो जिसमें अवरोधन शून्य न हो ।
कैप्टेन कूल (मिथाली राज) -मनाल का खाता
मनाल: सरजी शायद मेरे पास एक उदाहरण है । मैंने मिथाली राज वाली एक खेल की टीम की रन संख्या का खाता बनाया था । मिथाली सात ओवर के बाद आई थी । यह मेरा खाता देखो ।
अध्यापक ने इसका भी रेखा चित्र बनाया । मनाल ने मिथाली राज के आने के बाद ओवर संख्या आरम्भ की थी पर टीम की रन संख्या खेल के शुरू होने से ।
अध्यापक: तो यह है मनाल के दिए हुए खाते का रेखा चित्र । इस रेखा का समीकरण है:
y = 16 + bx, यहां टीम की रन संख्या y है और ओवर संख्या x है । इसमे अवरोधन की संख्या 16 है और प्रवणता 4.98 है ।
मनाल: हां, सरजी 16 रन मिथाली राज के आने से पहले ओवरों में बन चुके थे, पर मैंने ओवर संख्या उसके आने बाद ही शुरू की थी ।
अध्यापक: तो क्लास, स्पष्ट है कि अवरोधन का कारण होता है कि कुछ कार्य क्षैतिज अक्ष संख्या शून्य से पहले ही हो चुका है ।
टिन्कू: सरजी, इन उदाहरणों में तो सीधी रेखा ही बनी थी । क्या दो चरवस्तुओं (variables) की संख्या में हमेशा ही यही संबंध होता है ?
अध्यापक: नहीं । अगली क्लास में मैं तुम्हें एक घातांक क्रम का उदाहरण दूंगा ।
टिन्कू की उलझन
स्कूल से वापिस घर जाते हुए टिन्कू के मनमें कोई हलचल सी थी । बात करने के लिए वह सीधा तानिया के घर गया ।
तानिया: उदास क्यों है, टिन्कू ?
टिन्कू: उदास तो नही पर कुछ गड़बड़ है । याद है हमने सहवाग का रन रेट उस दिन 8.8 निकाला था । आज गणित सरजी ने कुल रन संख्या और ओवर संख्या की प्रवणता 4.74 बताई जिसका मतलब है कि हर ओवर में केवल 4.74 रन ही बने । यह आंकड़ा तो 8.8 से बहुत नीचे है । कुछ गड़बड़ है ।
तानिया: कोई गड़बड़ नहीं है । बस, खुश हो जा । कुल रन संख्या और ओवर संख्या के संबंध में सहवाग 47 ओवर के लिए डटा रहा था चाहे बाल का सामना उसने किया या उसके भागीदारों ने । तेरे खाते के हिसाब से उसने केवल 149 बाल्ज़ का ही सामना किया था न कि 282 का जो 47 ओवर में होती हैं । तूने रन रेट सहवाग की खेली हुई हर 6 बाल्ज़ से निकाला था और सरजी ने हर 6 बाल्ज़ से चाहे सहवाग ने खेली हों या उसके भागीदारों ने ।
टिन्कू: अरे हां, कोई गड़बड़ नहीं है, बस में थोड़ा सा उलझ गया था । अब घर जाके खाना खाऊंगा ।
चुनौती
रामनाथ अब 65 वर्ष का हो गया है । उसने सारी उमर शहर में काम करके 42,00,000 रुपए जमा कर लिए हैं, पत्नी का देहांत हो चुका है और बेटे बेटियां भी उस पर निर्भर नहीं हैं । सोचता है कि गांव वापिस चला जाएगा और उसके हिसाब से 3,00,000 रुपए प्रति वर्ष में सुविधाजनक जीवन जिएगा । उसने सारे पैसे 7. 2 % प्रति वर्ष वाले एफ़ डी में डाल दिए । क्या वह हर वर्ष व्याज लेकर अपना खर्चा पूरा कर पाएगा ?
उत्तर: मज़े से । 42,00,000 लाख पर 7.2% के दर से उसे 3,02,400 रुपए प्रति वर्ष मिल जाएंगे जो 3,00,000 लाख से थोड़े अधिक ही हैं । यदि इसका रेखा चित्र बनाया जाए तो उसका अवरोधन 42,00,000 रुपए होगा और उसकी प्रवणता शून्य होगी – रेखा न ऊपर जाएगी और न ही नीचे, क्योंकि हर वर्ष व्याज के पैसे तो वह निकाल लेगा और मूल के 42,00,000 रुपए तो बचे रहेंगे ।