करोनावाइरस – भविष्यवाणी

coronavirusलाकडाउन

चीनी करोनावाइरस भारत में भी फैल रहा था । एक दूसरे से दूर रहने से शायद यह कम फैले । इसलिए 24 मार्च को पूरे भारत में तीन सप्ताह के लिए लाकडाउन लगा दिया था और सब को घर से निकलने की मनाही थी ।  बाकी सदस्यों की तरह 17 वर्षीय सरस्वती (सैरा) और उसका अनुज 16 वर्षीय  भाई नील भी घर से बाहर नहीं जा सकते थे । घर में एक सप्ताह बाद भाई बहन में यह वार्तालाप हुआ ।  इस समय तक पूरे विश्व में यह रोग 800000 लोगों को लग चुका था यद्यपी भारत में इसका संक्रमण धीमा था । कुछ लोग तो कहते थे कि भारत के आंकड़े कम होने का कारण  रोग के जांच की कमी थी ।  दूसरे कोई अलग ही कारण बताते थे जैसे सब ने बचपन में बी सी जी का टीका लग जाना या भारत की जनता में  hsa-miR-27b  जीन का होना । निम्नलिखित है उनका वार्तालाप ।

बीमारी का फैलाव एक अपसारी घातांक

नील: दीदी, इस भयानक वाइरस से कब छुटकारा मिलेगा ?

सैरा: पता नहीं पर भारत इस मामले में अब तक बड़ा भाग्यशाली रहा है । यह सिद्ध रोगियों (कन्फ़रम्ड केस)  आंकड़ों का रेखा चित्र देख ।

Countrycases

नील: यह फैलाव तो एक अपसारी घातांक है जिस में अमेरिका की रेखा  प्रमुख है और भारत की रेखा तो दिखती ही नहीं ।  स्पष्ट  है की अमेरिका में इस बीमारी के आंकड़े भारत से बहुत बड़े हैं ।

सैरा: नील, याद है कि तूने logarithm (लघुगण) के बारे में पढ़ा था ?  यदि घातांक का मूलकरण  ax  हो तो and x = loga ax, यहां  a आधार है ।

मैने पहले चित्र वाले आंकड़ों से एक नया  रेखा चित्र बनाया है जिसमे क्षैतिज अक्ष समय है पर लंब अक्ष में   log10 (सिद्ध रोगियों के आंकड़े) हैं ।

loggplot

नील: हां, इसमें तो तीनो देशों की रेखा प्रतक्ष हैं । रुचिकर बात है कि तीनो रेखाओं की ढलान अलग अलग है । अमेरिका की रेखा की ढलान भारत रेखा से अधिक है । क्या इसका कारण अमेरिका में करोना रोगियों की बड़ी संख्या है ?  मार्च 19 को   log10  का मूल्यांक लगभग 4 है और मार्च 24 को लगभग 5  ।  क्यों कि इस   का आधार 10 है, इन 7 दिनो में   कन्फ़रम्ड केस  का आंकड़ा 10-गुणॉ बढ़ गया । भारत में यही 10-गुणा बढ़ाव 15 मार्च से 24 मार्च यानि 10 दिन में हुआ ।

सैरा: हां, इस तीव्र रेखा का अर्थ है कि log10 (आंकड़ा) तेज़ी से बढ़ रहा है ।

नील: अपसारी घातांक का फलन होता है:

आरंभिक आंकड़ा x at‌  । आधार 2 होने पर यह फलन हो जाएगा आरंभिक आंकड़ा  x 2t/doubling time.

तेरे आकड़ों से  मैने गणना की है कि भारत में  कन्फ़रम्ड केस  की संख्या को दुगना होने में औसतन 4.5 दिन लगे जब कि अमेरिका में यह कांड केवल  2.6 दिन में हो गया । कैनेडा में इसके लिए 3 दिन लगे थे ।  इसलिए कि भारत अभी फ़ेज़ 2 में है जिसमें करोना का फैलाव कम गति से होता है पर अमेरिका फ़ेज़ 3 में पहुंच गया है जहां यह तेज़ी से फैलता है । कैनेडा दोनो के बीच में है ।

कन्फ़रम्ड केस और ऐक्टिव केस

सैरा: लगता है कि अब तू माडलिंग करना चाहता है । शुरू करने से पहले भारत के डेटा को थोड़ा समझें । आम तौर समाचार पत्रों में  कन्फ़रम्ड केस  की संख्या  के आंकड़े दिए जाते हैं जो हमारे दो चित्रों मे भी संचयी (cumulative) कन्फ़रम्ड केस  की संख्या के आंकड़े थे । यह आंकड़ा बड़ा होता है क्यों कि इस मे ऐक्टिव वाइरस वाले रोगियों की संख्या तो होती ही है पर  जो लोग आरोग्य हो गए हैं या मर गए हैं उन्हें भी गिना लिया जाता  है । इस रेखा चित्र में मार्च 22 से लेकर 31 तक चारों दिखाए गए हैं: कन्फ़रम्ड केस, ऐक्टिव केस, आरोग्य हो गए रोगी और वह जिनकी मृत्यु हो गई है ।  ध्यान दे कि कंफ़र्मड केस संख्या सदा ऐक्टिव केस संख्या से बड़ी होती है ।

activecases

नील: तो माडलिंग और भविश्व वाणी के लिए हमें और किस चीज़ की जान की आवश्यकता है ?

सैरा: हमें तीन चीज़ों के बारे पता होना चाहिए । पहली कि अगले दिनों मे प्रतिदिन कितने नए केस निकलेंगे ।

नील: हम सोचेंगे कि हर कोई लाकडाउन में अपने घर में ही रहा है । मज़दूरों के दिल्ली से निकलने के लिए भीड़ बननी और निज़ामुद्दीन में 3000 लोगों के इकट्ठे होने जैसे वार्दात और नहीं होंगे ।  फिर भी हमें कुछ अनुमार्गण (assume) तो करना ही पड़ेगा । यह सोचना कि लाकडाउन सफ़ल होगा ही अच्छा रास्ता है  ।  आरोग्य प्राप्ति की गति (recovery rate) का कैसे पता करेंगे ?

आरोग्य प्राप्ति

सैरा: मार्च के आरंभ तक चीन में नए रोगियों का मिलना लगभग बंद हो गया था । आरोग्य प्राप्ति के कारण ऐक्टिव केसों की संख्या समय के साथ घटी थी । यह चित्र है शेष ऐक्टिव केस और मार्च कि तिथि का । यह एक अभिसारी घातांक है । ऐसे घातांक को ऐसे भी लिखा जा सकता है:

आरंभिक संख्या ‍x 2(-t/t1/2), t1/2 यहां ऐक्टिव केसों की अर्द्ध आयु है और  t समय है   ।

chinarecovery

नील: चीन की आरोग्य प्राप्ति की गति के आकड़े (लाल रेखा)एक 7.7 दिन की अर्द्धायु वाले अभिसारिक आघांत (नीली रेखा) मे पूरी तरह समई होते हैं । तो मैं माडलिंग में भी 7.7 दिन की अर्द्धायु ही मान लूंगा ।

सैरा: हम 22 मार्च से शुरू करेंगे जिस दिन मोदीजी ने सारे भारत वासियों से स्वयं लगाए कर्फ़्यू के लिए मांग की थी ।

गणितीय माडलिंग

नील: ठीक है हम 22 मार्च से 31 मार्च तक  ऐक्टिव केसों की उपलब्ध संख्या का रेखा चित्र बना लेंगे ।

सैरा: हम किसी भी एक दिन के लिए गणना कर सकते हैं कि पिछ्ले एक दिन मे आरोग्य प्राप्ति के कारण ऐक्टिव केसों मे कितनी कमी हुई है । क्योंकि इन की अर्द्धआयु 7.7 दिन है, हम कहेंगे कि किसी भी दिन के लिए शेष ऐक्टिव केसों की संख्या पिछले दिन ‍ x 2(-1/7.7) है ।

पिछले 9 दिन में औसतन 130 नए केस आए थे और प्रतिदिन 2 लोगों की मौत हुई थी । हम मान लेते हैं कि मोदीजी की योजना सफ़ल होगी और लाकडाउन के अंत तक नए केस आने बंद हो जाएंगे । यदि घटाव एक रेखीय क्रम से हो तो अगले दिनों मे नए केस की संख्या 130, 120, 110…. केस प्रति दिन आएंगे ताकि 14 अप्रैल को 0 न​ए केस होंगे । यदि मरने वालों की संख्या भी 2 प्रतिदिन होती रही, तो किसी भी दिन की ऐक्टिव केस संख्या का फलन होगा:

पिछले दिन की ऐक्टिव केसों की संख्या x 2(-1/7.7)) – पिछले 24 घंटों में मौत संख्या + पिछले 24 घंटों में आए न​ए केस ।

यह गणना हमें आने वाले दिनों कि ऐक्टिव केस संख्या का अनुमान दे सकती है ।  रेखा चित्र में यह संख्या अप्रैल 30 तक दिखाई गई है ।

Coronavirus model

नील: इस रेखा चित्र से तो लग रहा है कि ऐक्टिव केसों की संख्या कभी भी शून्य नहीं होगी । पर थोड़े से अंत में थोड़े से रोगियों का संगरोधन भी किया जा सकता है । ऐसे रोगी तत्पश्चात 14 दिन में या आरोग्य हो जाएंगे या मर जाएंगे और 15 मई तक भारत चीनी करोनावाइरस से मुक्त हो जाएगा । मैं यह परिणाम पापा को बताऊंगा और फिर सारे वट्सैप वाले मित्रों को ।

माडल का उचित होना अनुमार्गण चुनाव पर निर्भर करता है

सैरा: भैया, बैठा रह अभी । हम गलत भी हो सकते हैं । हमारे पास आंकड़े तो केवल 31 मार्च तक के थे । बाकी तो सब अनुमार्गण हैं । हम नहीं जानते कि आने वाले दिनों में नए केस इस गति से ही आएंगे । केवल एक  निज़ामुद्दीन जैसा हादसा होने से यह आंकड़े आकाश को छू सकते हैं । फिर 13 अप्रैल को वैसाखी भी तो है । यह दिन सिख समुदाय बड़ी धूमधाम से मनाता है । क्या वह कर्फ़्यू को पूर्णतय सम्मान देंगे या जगह जगह भीड़ लगाएंगे । हमारी अर्द्धायु भी तो चीन के आंकड़ों पर निर्भर करता है – जाने यह आंकड़े कितने विश्वासनीय हैं । इसमें कोई छितराव (scatter) ही नहीं है । तुम्हारे माडल का उचित होना अनुमार्गण चुनाव पर निर्भर करता है

नील: फिर भी मैं खुश हूं क्यों कि यह करके मुझे घातांक और लघुगण के बारे सीखने को मिला ।

चुनौती

मनोभावनाएं

चेतनत्व तो अच्छी चीज़ है पर यह मनोभावनाओं का  मुकाबला नहीं कर सकती ।.  निज़ामुद्दीन में हुई तव्लीगी जमात की धार्मिक सभा एक उदाहरण है यह लगभग 3000 भक्तों का एकत्रिकरण था ऐसे समय परजब कोरोना के फैलाव को धीमे करने के लिए देश भर में कर्फ़्यू लगा हुआ था । ईद आ रही है । फिर 13 अप्रैल को वैसाखी भी तो है । यह दिन सिख समुदाय बड़ी धूमधाम से मनाता है । क्या वह कर्फ़्यू को पूर्णतय सम्मान देंगे या जगह जगह भीड़ लगाएंगे । कहीं भी एकत्रीकरण कोरोना को अधिक समय तक रहने का कारण बन सकता है । इसलिए प्रतिदिन की अपेक्षा प्रति सप्ताह के आधार पर गणना करो । 31 मार्च के बाद अगले 12 सप्ताह का माडल बनाओ । अभ्यास के लिए मान लो कि इन सप्ताहों में  1500, 1200, 1800, 800, 600, 500,  400, 300, 200, 100, 0   प्रति सप्ताह नए केस निकलेंगे । म्रित्यू की गति 20 प्रति सप्ताह रखो ।

उत्तर:  यदि अर्द्धायु 7.7 दिन ही रही तो प्रति सप्ताह के अंत में शेष ऐकिव केसों की संख्या का फलन होगा: (पिछले सप्ताह के अंत में ऐक्टिव केसों की संख्या) x 2(-7/7.7))    – 20 + पिछले सप्ताह में नए केस । गणना से निकाले गए आंकड़े निम्नलिखित सारिणी में हैं और उनका रेखा चित्र अंत में दिया गया है ।

मनोभावनाएं एवं रोगोपचार

हालांकि कोरोना का टीका बनाने में लंबा समय लग सकता है, कई ओर रोगोपचार संभव हैं जो कि इस रोग की अवधि को कम सकते हैं । उदाहरण हैं क्लोरोक्विन और दूसरी दवाओं का मिश्रन, प्लाज़्मा थेरापी, बी  सी जी के टीके और   micro RNA hsa-miR-27b का प्रयोग । मान लो कि ऐसे किसी रोगोपचार से कोरोना के ऐक्टिव केसों की अर्द्धायु 7.7 से  केवल 4 दिन हो जाती है । अब ऊपर वाले मनोभावनाओं के माडल को इस अर्द्धायु से दोहराओ । इन दोनो और कहानी वाले  माडलों तीनो की तुलना करो ।

उत्तर: इसका फलन होगा:  (पिछले सप्ताह के अंत में ऐक्टिव केसों की संख्या) x 2(-7/7.7))    – 20 + पिछले सप्ताह में नए केस

इस फलन से निकाले गए आंकड़े निचे वाली सारिणी में हैं और तुलना वाला रेख चित्र अंत में ।

तीनों माडलों में ऐक्टिव केसों की संख्या
31 मार्च के बाद सप्ताह कहानी से मनोभावनाएं मनोभावनाएं + रोगोपचार
0 1109 1109 1109
1 1423 2227 1836
2 904 1981 1447
3 468 2172 1548
4 235 2149 1453
5 2012 1299
6 1814 1129
7 1583 953
8 1336 776
9 1079 598
10 817 420
11 553 242
12 287 65

three scenarios

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