नैना अक्सर बिस्कुट बनाती है
सैरा की नैना अक्सर बिस्कुट बनाती है । हां, स्वयं घर में अपने हाथों से । पर आज तो बहुत समय से बिस्कुट बना रही थी । मंदिर के लिए – चढ़ावे के लिए नहीं, वहां वह यह बिस्कुट लोगों को बेच देगी और कमाए हुए पैसे मंदिर को दे देगी । उसे इस पुन्य कार्य में बड़ा आनंद मिलता था और उसके बिस्कुट स्वादिश्ट होने के कारण एक दम बिक भी जाते थे । घर में घुसते ही सैरा को बिस्कुट पकने की सुगंध आई और वह सीधी नैना के पास रसोई घर में चली गई । वहां वह बैठ गई । दोनो ने एक दूसरे को हैलो कहा और बातें करने लगे, साथ ही साथ नैना बिस्कुट भी बनाती रही ।
सैरा: नैना, हम दोनो एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताते हैं, क्यों कि आइ लव यू ।
नैना: आइ लव यू टू सैरा ।
अनुपात और परिमाण
सैरा: मेरे विचार से हम रोज़ लगभग तीन घंटे एक दूसरे के साथ बिताते हैं, वह है 24 घंटों में से तीन ।
नैना: हां, पर तू इस बात को किधर ले जा रही है ?
सैरा: आज बीजगणित में हमने अनुपात और परिमाण के बारे में सीखा था । हम दिन में 3 घंटे इकट्ठे बिताते हैं 24 में से । यदि दिन में x घंटे हों तो हम दोनो x/8 समय ऐसे बिताते हैं ।
नैना: हां, तू सुबह 8:30 पर स्कूल जाती है और 3:30 पर वापिस आती है, तो ये दिन में 7 घंटे हो गए । क्या उसे भी 7x/24 कहेगी ? तू रात को 8 घंटे सोती भी तो है ।
सैरा: हां, वह 8x/24 यानी x/3 हो जाएंगे । मैं सुबह स्कूल की तैयारी और रात को दांत साफ़ करने के लिए भी कुल x/24 समय लगा देती हूं । हम सब मिल कर x/24 समय में डिन्नर भी करते हैं ।
नैना: रोज़ तू होमवर्क, मित्रों से बातचीत और टी वी देखने में भी तो कुल 4 घंटे व्यय करती है ।
सैरा: हां, यह x/6 समय होगा । क्या यह सब मिलाकर पूरे दिन का x समय हो गया ? मैं इन सब क्रियाओं के समय का योग करती हूं ।
x/8 + 7x/24 + x/3 + x/24 + x/24 +x/6
= 3x/24 +7x/24 + 8/24 + x/24 + x/24 +4x/24 = 24 x/24 = x.
हां, इनका योग x है ।
नैना: तूने इतना समय व्यर्थ किया है घंटों को x बनाने में, सीधा घंटों का ही योग कर लेती कि 24 घंटे हुए हैं या नहीं ।
सैरा: क्यों कि अनुपात में एक सुंदरता है । जैसे सोमवार से शुक्रवार तक कुल 120 घंटे होते हैं । अनुपात तो वही रहेगा यद्यपि घंटे 24 की जगह 120 हो गए । तो हम x = 120 करके कह सकते हैं कि हम दोनो इकट्ठे 120 में से x/8 यानि 15 घंटे साथ होते हैं । इसी तरह स्कूल का समय भी 7x/24 यानि 35 घंटे हो गया ।
नैना: हां, मैं समझ गई हूं । एक वर्ष में तू 36 सप्ताह के लिए स्कूल जाती है, यह हो गए 180 दिन यानी 4320 घंटे ।
सैरा: नैना, आपने ठीक कहा, अब में x = 4320 करके x/8 निकाल सकती हूं । तो इन 4320 घंटों में से हम 540 घंटे इकट्ठे बिताते हैं ।
नैना: यह अनुपात का सिद्धांत मेरे लिए नया नहीं है । मैं जानती हूं कि 400 ग्राम बिस्कुट बनाने के लिए 150 ग्राम आटा, 140 ग्राम चीनी, 100 ग्राम बट्टर, 5 ग्राम पीनट क्रंच और 5 ग्राम चाकलेट के टुकड़े चाहिएं । आज मैंने 10 किलोग्राम बिस्कुट बनाने थे, तो सारी सामग्री का तोल उसके अनुसार बदल लिया । क्योंकि 10 किलोग्राम, 400 ग्राम का 25 गुणा है, हर वस्तू 25 गुणा डाल ली । मैंने 3750 ग्राम आटा, 3500 ग्राम चीनी, 2500 ग्राम बट्टर, 125 ग्राम पीनट क्रंच और 125 ग्राम चाकलेट के टुकड़े डाल लिए, बस ।
सैरा: नैना, मैने तो पहले ही कहा था कि आप को यह सब कुछ आता है । बस जब इसमें x और y तरह की चरवस्तुओं का प्रयोग करो तो यह बीजगणित बन जाता है ।
हमारे गणित के अध्यापक ने कहा था कि बीजगणित से हम और भी जटिल प्रश्नो का हल सरलता से निकाल सकते हैं । इसी लिए हम अब यह विषय सीख रहे हैं ।
नैना ने अपनी ज्ञानगुरू सैरा को गले से लगा लिया ।
चुनौती
सैरा के माता-पिता ने एक मित्र की शादी पर जाना था और उन्होंने सैरा को भी साथ ले लिया । जब सैरा शादी वाले बैन्क्वेट हाल में पहुंची, इतने सारे लोग वहां आए हुए थे कि वह तो हैरान हो गई । किंतु वह थोड़ी ही देर में ऊब गई क्यों कि लगभग वहां सभी आदमी और औरतें उसकी माता-पिता या दादी की आयु के थे । और वह सब लोग एक दूसरे से गप शप में लगे हुए थे । पर फिर उसकी नज़र राजी पर पड़ी । राजी भी सैरा की आयु की थी और दोनो बात चीत करने लगे । राजी ने बताया कि उसे फ़ैशन का शौक है । इस लिए अपने माता पिता के साथ देखने जाती है कि औरतें किन रंगों और डिज़ाइन के पहनावे में वहां आती हैं । वह पहनावे और उन के रंग उसके स्कूल की लड़कियों से बिल्कुल अलग होते हैं । सैरा को राजी औरतों की पोशाकों के रंग बताने लगी । सैरा ने तो वह रंग पहले सुने भी नहीं थे । वह तो केवल सीधे सादे रंग ही जानती थी जैसे और हरा, नीला, नारंगी, लाल, पीला, गुलाबी, सफ़ेद, भूरा, बैंगनी, सलेटी, काला । राजी ने तो कम से कम 4 तरह के नीले रंगों का नाम लिया था, 2-3 हरे रंगों का और 4-5 लाल का, और कुछ रंगों का तो राजी को भी नहीं पता था । सैरा ऊब तो रही थी पर राजी के साथ साथ चलती गई और अपने मोबाइल पर लिखती गई पोशाकों के रंग और उसे पहनने वाली औरतों की संख्या । उसने तो अपने सीधे सादे रंगों के नाम ही लिखे । उसके आंकड़े थे हरा (140), नीला (270), नारंगी (30), लाल (140), पीला (20), गुलाबी (150), सफ़ेद (20), भूरा (20), बैंगनी (120) और सलेटी (130) । घर वापिस आने पर सैरा की मां ने उसे बताया कि उस हाल में कुल 2000 लोग थे जिसमें से 1040 औरतें थी और बाकी पुरुष, लड़के और लड़कियां ।
यदि x कुल लोगों की संख्या थी और y केवल औरतों की y/x अनुपात निकालिए । हर रंग के वस्त्र वाली औरतों की संख्या और y का सरल किया हुआ अनुपात निकालिए । सैरा ने यह सब अनुपात निकाले और राजी को फ़ोन किया । राजी ने कहा कि वह पिछले 2 वर्ष में 15 शादियों पर जा चुकी है । रंगों के अनुपात लगभग इसी के समान रहे हैं ।
उत्तर: x = 2000 और y =1040, तो अनुपात y/x = 1040/2000 =13/25 ।
नीले रंग की संख्या = 270, y =1040 अनुपात 270/1040 = 27/104
बाकी रंगों के लिए अनुपात भी ऐसे ही लिकालिए ।