सेव का बाग

fig.c3.0सेव का बाग

अब तक तो जानी की मां को बेटे के कार  चलाने की क्षमता पर विश्वास हो गया था । वह जल्द ही मान गई जब जानी ने सैरा के साथ ग्रामीण सड़कों पर थोड़ी देर सैर करने का प्रस्ताव किया । मां ने उसे गाड़ी की चाबी दे दी ।

सुहाना मौसम था, आकाश में एक भी बादल नहीं दिख रहा था, इतनी ठंड भी नहीं थी कि कोई ठिठुर जाए और ना ही इतनी गर्मी कि सड़क पर ही अंडे का आमलेट बन जाए ।   जानी और सैरा ने कार की खिड़कियां थोड़ी सी खोल दी ताकि वह मंद समीर का आनंद ले सकें ।  जानी ने अभी तय नहीं किया था कि किधर जाएं और सैरा को यही पसंद था । दो प्रेम पंछी एक ग्रामीण सड़क पर कार में भ्रमण कर रहे थे फिर चिंता किस बात की थी, वही किशोरावस्था वाला मनोभाव था ।

धीरे धीरे कार में जाते हुए उन्हें सड़क के किनारे पर बैठा हुआ एक आदमी दिखा जो सेव बेच रहा था । वह एक कुर्सी पर बैठा था और धरती पर तीन-चार सेव की टोकरियां थी । देखने में तो सेव बहुत आकर्षिक थे । जानी और सैरा ने थोड़े से सेव खरीद लिए । पहला टुकड़ा खाते ही जानी ने कहा कि सेव तो  स्वादिष्ट हैं । सैरा ने भी एक सेव को धीरे धीरे चबाना शुरू कर दिया ।

सेव वाला

जानी उस आदमी से बातचीत करने लगा । बातों बातों से सेव वाला जान गया कि जानी और सैरा पढ़े लिखे हैं, और अपनी दुविधा के बारे में बोलने लगा ।

सेव वाला: मेरा बागीचा छोटा सा है और इससे मैं अपनी जीविका भी पूरी तरह नहीं बना पाता ।

जानी: साल में कितने सेव की उपज हो जाती है ?

सेव वाला: इसमें  50 पेड़ हैं और हर एक लगभग 800 सेव देता है ।

सैरा: तो  यह साल में 40000  सेव की उपज हो गई । इतने सेव की बिकरी तो जीविका के लिए कम होती होगी ।

जानी: और पेड़ क्यों नहीं लगा लेता ?

सेव वाला: मैने अपने पिता से भी यह प्रश्न किया था । उसने दूसरे बागीचों के मालिकों से और एक  कृषि वैज्ञानिक से बात करके मुझे बताया था कि यदि मैं और पेड़ लगाऊं तो बागीचे का हर एक नया पेड़ बागीचे के हर पेड़ की उपज को 10 सेव कम कर देगा  । मुझे नहीं पता कि मैं क्या करूं । मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं । मैंने तो प्राथमिक स्कूल तक ही शिक्षा ली हुई है ।

सैरा: जानी, यह तो सरल है,  calculus से कर ले ।

जानी: यह calsulus की समस्या कैसे बन गई ?

सैरा: याद कर कि जब हम  y = sin x  के  dy/dx को जांच रहे थे हमने देखा था कि जहां भी फलन का ग्राफ़ स्थिरांक था, वहां dy/dx  शून्य था । यदि कुल सेव उपज y हो और नए पेड़ों की संख्या x हो तो जहां यह ग्राफ़ स्थिरांक होगा, वहां  भी dy/dx शून्य होगा ।

जानी: हां, पर dy/dx तो दोनो पर शून्य होगा चाहे maxima हो या minima  ।

सैरा: पहले इस ग्राफ़ का स्थिरांक तो निकाल, बाद में देखेंगे कि यह maxima  के लिए है या तबाही के लिए ।

जानी: बागीचे में  50 पेड़ हैं और हर पेड़ की उपज 800  सेव है । यदि वह x पेड़ और लगा दे तो  50+x पेड़ हो जाएंगे और हर पेड़ की उपज 800-10x हो जाएगी । यानि कुल उपज (y) हो जाएगी  (50+x)(800-10x)  जब कि नए पेड़ों की संख्या x होगी ।

सैरा: y = (50+x)(800-10x)  = 40000 + 300x -10x ।

जानी:  dy/dx = 300 – 20 x = 0 यानी x =15 पर यह रेखा स्थिरांक होगी ।

सैरा: जब x =15  तब y = 40000 + 300x -10x =  40000 +4500 – 2250 = 42,250 सेव ।

जानी: यह maxima ही होगा, minima  नहीं हो सकता क्योंकि यह उसकी इस समय की 40000   सेव की उपज से अधिक है ।

जानी ने फिर सेव वाले को बताया कि सर्वोत्तम होगा कि वह  15 पेड़ और लगा ले ताकि उसकी पेड़ संख्या 65  हो जाएगी, हर पेड़ से 650 सेव मिलेंगे और कुल 42250   सेव की उपज हो जाएगी ।

सेव वाला: धन्यवाद साहिब, मैं  15 पेड़ और लगा दूंगा । यदि मेरी उपज  इतनी बढ़ गई तो मेरे ऊपर आपकी दो टोकरी सेव का उधार हो जाएगा ।

जानी इस पेशकश से प्रसन्न हो गया और सैरा के साथ कार में चला गया ।

घर जा कर सैरा ने जानी के समीकरण y = 40000 + 300x -10x के अनुसार एक रेखा चित्र बनाया । पहले तो कुल उपज बढ़ी पर 15 नए पेड़ों के बाद घटनी शुरू हो गई । दोनो खुश थे कि उन्होंने  calculus का प्रयोग करके सेव वाले को उचित राय दी थी ।

fig.c3.1बाद में सैरा ने पुस्तक में से पढ़कर जानी को समझाया की वह इस समस्या का पूरा हल  second derivative  लेकर कर सकते थे । यदि  first derivative शून्य हो तो positive second derivative का अर्थ होता है कि यह एक minima है, और   negative second derivative    का मतलब है कि यह एक maxima  है । जैसे   समीकरण y = 40000 + 300x -10x  का  first derivative था 300 – 20 x और second derivative होगा minus 20x । Negative second derivative    का मतलब है कि यह एक maxima  है । इसके अनुसार भी उन्होंने  सेव वाले को उचित राय दी थी ।

चुनौती

ज्योती के पास 48 से.मी2 क्षेत्रफल के गत्ते का एक वर्ग है । वह उससे बड़े से बड़े घनफल का एक डिब्बा बनाना चाहती हो, डिब्बे का तला एक वर्ग हो, डिब्बा ऊपर से खाली और चारों दीवारें लंब हों 90° के कोण पर । सोच रही है कि वह डिब्बा कितना ऊंचा होगा और कैसा लगेगा । सैरा को तो पता है, तुम भी प्रयत्न करो ।

उत्तर: चलो मान लो कि डिब्बे का तला एक  x  से.मी. भुजा का वर्ग है डिब्बे की ऊंचाई y से.मी. है ।

तो पूरे डिब्बे को बनाने के लिए गत्ते का क्षेत्रफल (A)  A = x2 + 4xy  से. मी.2 है ।

क्योंकि A = 48,  x2 + 4xy = 48 यानी x + 4y = 48/x यानी y = 12/x – x/4

डिब्बे का घनफल V = x2y  से. मी.3 है यानी V = x2 (12/x -x/4) यानी V= 12x -x3/4

घनफल के अधिकतम होने पर dV/dx = 0

V= 12x -x3/4,  dV/dx =  0 = 12 – 3x2/4 यानी 3x2 = 48 यानी x2 = 16 यानी x = ± 4.

भुजा की लंबाई तो negative  हो नहीं सकती, इस लिए x = ± 4

पहले से  A = x2 + 4xy = 48.  क्योंकि x =4, 16 +16y = 48 यानी 16y =32 यानी y =2 से. मी.

इस डिब्बे का घनफल होगा V = x2y = 42 x 2 =  32 से. मी.3

एक शून्य ऊंचाई डिब्बे का घनफल भी शून्य होगा जो कि 32 से कम है, तो यह घनफल अधिकतम है, न्यूनतम नहीं ।

वैसे भी  dV/dx = 12 – 3x2/4, तो dV2/dx2 = – 6x/4 = – 6, negative है, इसलिए यह हल  maxima का है   minima का नहीं ।

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