वसंत ऋतु
वसंत की ऋतु थी । वायु भी धीमी धीमी गति से चल रही थी । आकाश में थोड़े थोड़े बादल थे और कई पंछी भी उड़ रहे थे । तानिया, केतली, टिन्कू और पुरू चारो घर के पास एक पार्क में गए । केतली अपने घर से एक छोटी सी गेंद लाई थी । केतली और तानिया खेल रही थी । केतली गेंद को तानिया की ओर हवा में फैंकती थी, तानिया उस गेंद को पकड़ कर केतली की ओर वापिस फैंक देती थी ।
टिन्कू को अच्छा नही लगा कि केवल तानिया और केतली ही खेल रही थी और उसे खेलने के लिए नहीं कहा गया था ।
टिन्कू: मैं भी खेलूंगा ।
तानिया: केतली की गेंद है, उससे पूछ ।
केतली ने गेंद टिन्कू की ओर फैंकी और कहा, “यह ले पकड़” ।
तो अब टिन्कू तानिया की ओर गेंद फैंक रहा था, तानिया केतली की ओर और केतली वापिस टिन्कू कि ओर । टिन्कू और तानिया के बीच की दूरी लगभग 10 मीटर थी, और इतनी ही दूरी थी तानिया और केतली या केतली और टिन्कू के बीच ।
पुरू: तुम तीनो ऐसे गेंद फैंक एक त्रिभुज (triangle) बना रहे हो ।
तानिया: हां, इसे त्रिकोण भी कहते हैं क्यों की इस आकार के तीन कोने होते हैं ।
टिन्कू: त्रिभुज ही नहीं, यह एक समबाहू त्रिभुज है क्यों कि हर बार हम गेंद को बराबर की दूरी को फैंकते हैं ।
चतुर्भुज (quadrilateral)
थोड़ी देर बाद केतली ने कहा, “अरे पुरू, तू क्यों अकेला खड़ा है । पकड़ गेंद ।” यह कह कर गेंद उसकी ओर फैंक दी ।
अब चारों बच्चे एक चतुर्भुज के कोनों पर खड़े हो कर गेंद खेल रहे थे । वह थोड़ा बहुत इधर उधर भाग भी रहे थे ।
टिन्कू: हम भांति भांति की चतुर्भुज बना रहे हैं, समांतर (parallelogram) और समच (rhombus) चतुर्भुज और कभी आयत (rectangle) और कभी वर्ग (square) ।
केतली: टिन्कू, तू पतंग (kite) भूल गया । वह भी एक चतुर्भुज होती है ।
तानिया: घर चल कर मैं तुम्हें यह सारे आकार दिखाऊंगी ।
(नीचे देखिए जो आकार तानिया ने दिखाए)
पंचभुज, बहुभुज और गोलचक्कर
खेल चलता रहा और थोड़ी देर में मनाल भी पार्क में आ गई । वह अपने पिताजी के साथ आई थी । जब केतली ने मनाल को खेल में शामिल होने के लिए कहा तो मनाल ने मना कर दिया, पिता जी के कारण ।
मनाल के पिताजी: नहीं, मनाल तू भी खेल । चलो मैं बीच में खड़ा हो जाता हू और तुम पांचों मेरे इर्द गिर्द । हर एक मेरे से 5 मीटर दूर खड़े हो जाओ ।
बच्चों ने ऐसे ही किया । मनाल के पिताजी बीच में खड़े थे और हर बच्चा उन से 5 मीटर दूर । अब एक गेंद को फैंकता था, दूसरा इसे पकड़ कर आगे वाले की ओर फैंक देता । ऐसे खेल कर गेंद पहले बच्चे के पास वापिस आ जाती थी, और वह उसे फिर से फैंकता था ।
केतली: अब हम गेंद को फैंक कर एक गोलचक्कर (circle) बना रहे हैं ।
मनाल: नहीं हम एक पांच भुजाओं वाला आकार बना रहे हैं । इसे पंचभुज (pentagon) कहेंगे ।
तानिया: हां, यदि एक और मित्र आ जाए और हम 6 भुजाओं का आकार बनाएं तो वह षड्भुज (hexagon) होगा ।
टिन्कू: यदि स्कूल के सारे छात्र मिल कर ऐसे खेलें तो एक बहुभुज (polygon) बन जाएगी ।
तानिया: पता है, असंख्य भुजाओं वाला आकार क्या होता है ?
मनाल के पिता जी: असंख्य भुजाओं वाला आकार ही तो एक गोलचक्कर होता है । पर यदि इतने लोग इकट्ठे खेल रहे हों एक ही गेंद से, तो किसी की बारी आने में अनन्त समय लग जाएगा ।
अब सांझ हो गई थी । थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी हो गया था । सब अपने अपने घर चले गए ।
चुनौती
यह हैं कुछ सूचक चिन्ह जो सड़कों पर दिखते हैं । नीचे वाले चित्र में रास्ता दिजिए, आगे सड़के बन रही है और रुक जाओ की फट्टियों के आकर बताओ । लाल, संतरी और हरी बत्तियों के क्या आकार हैं ? किस आकार की फट्टी पर तीनों बत्तियां लगी हुई हैं ?