स्कूल में दंगल

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दंगल

रानिया अली जी एक गरीबों की बस्ती के प्राथमिक स्कूल में पढ़ाती थी । स्कूल के छात्रों को सीखने – पढ़ने की रुचि बिल्कुल भी नहीं थी ।  रानिया अली जी को इस चुनौती का संपूर्ण ज्ञान था, अतः वह विद्यार्थिओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए नित नई विधियां खोजती थी । यह उस दिन की कहानी है जब दो लड़के स्कूल के अहाते में लड़ रहे थे  । प्रिंसिपल साहिबा दोनो को स्कूल से निकाल रही थी पर रानिया अली जी ने इन लड़कों को बचा लिया । तो देखिए पूरी कहानी ।

भारत और पाकिस्तान में सर्दी की ऋतु का अंत बसंत पंचमी को मनाया जाता है । बसंत वह ऋतु है जब न तो सर्दी के कारण ठिठुरना  पड़ता है और न हीं गर्मियों के दिन की जलन सहनी पड़ती है ।  बसंत पंचमी पर बच्चे, और कई बड़े भी, बड़े जोश से पतंग उड़ाते हैं । बसंत की खुशी में रकाब और उसके मित्रों ने एक बड़ी पतंग बनाई – 90 से.मी. लंबी और 30  से.मी. चौड़ी । उन्हें अपनी पतंग का इतना बड़े होने का घमंड सा था पर फिर उनकी मुलाकात रेहान से हुई । इस गुट ने भी एक बड़ी पतंग बनाई थी – 80 से.मी. लंबी और 40  से.मी. चौड़ी ।  रकाब और रेहान में विवाद शुरू हो गया कि किसकी पतंग बड़ी थी । मित्रों के उकसाने से दोनो ऊंची आवाज़ में झगड़ने लगे – जैसे पतंग तो उसी की बड़ी होगी जो ज्यादा ऊंचा बोलेगा । नहीं उन्होने एक दूसरे को मारा तो नहीं और न ही कोई गाली-गलोज़ हुआ । पर दोनो के चिल्लाने की आवाज़ इतनी ऊंची हो गई थी कि सारे स्कूल में गूंज रही थी । प्रिंसिपल साहिबा को यह अच्छा नहीं लगा ।  इसलिए रजाब और रेहान को उनके कार्यालय में बुलाया गया ।   प्रिंसिपल साहिबा ने इन दोनो लड़कों को कहा कि उनका व्यवहार असहनीय था, इस लिए वह उन्हें स्कूल से निकाल रही हैं ।  कुछ विद्यार्थियों ने यह बात रानिया अली जी को बताई तो वह भी प्रिंसिपल के कार्यालय में गई ।  रानिया अली जी ने प्रिंसिपल को बताया कि उन्होंने इन दोनो को पहले कभी बुरे व्यवहार में नहीं देखा । अंत में उन्होंने प्रिंसिपल को मना लिया कि वह दोनो को स्कूल में रहने देंगी, यदि उस दिन के अंत तक वह उस कार्यालत में आकर बता दें कि बजाय झगड़े के दोनो ने कैसे विधिपूर्वक अपने विवाद का निर्णय कर लिया है ।

  किसकी पतंग बड़ी है

रानिया अली जी अपने कक्षालय में आई जहां रजाब और रेहान भी बैठे हुए थे ।

रानिया अली जी: यदि रजाब और रेहान प्रिंसिपल को विधिपूर्वक न बता सके कि किसकी पतंग बड़ी है, दोनो को स्कूल से निकाल दिया जाएगा । तो उनकी सहायता को कैसे आरंभ करें ?

महक: मैं तो कहती हूं कि बोर्ड पर दोनो में से एक अपनी पतंग का चित्र बनाए ।

रानिया अली जी: तो चलो रजाब, अपनी पतंग का चित्र बनाओ ।

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रजाब ने रंगीन चाक लेकर अपनी पतंग का चित्र बनाया – केवल कागज़ ही नहीं, बांस के तीले भी बनाए ।

रानिया अली जी: पतंग के कोनों को लेबल करो, और हां मध्य को भी ।

रानिया अली जी: रंग बिरंगी पतंग बनाई है, रजाब । कौन बता सकता है कि यह पंतग सममित  (symmetrical) है या नहीं ?

अरीशा: पतंग का सममित होना अनिवार्य है । रेखा AC के ऊपर का भाग उससे नीचे के भाग का सर्वांगसम है ।

महक: पतंग को सममित तो होना ही है । मैने देखा है कि थोड़ी सी भी असममित पतंग नहीं उड़ती । तो त्रिकोण ABC और त्रिकोण  ADC का सर्वांगसन होना अनिवार्य है । और हां जो चार कोण AC और BD के काटने से बन रहे हैं, वह भी समान होंगे – इस लिए बिंदु E पर बने चारों कोण 90° के होंगे ।

आलिया: मैडम जी, मज़ा आ रहा है कि आपने इस लड़ाई को भी रेखागणित सिखाने का रास्ता बना लिया ।

रानिया अली जी: हां आलिया, फिर तू त्रिकोण ABE का क्षेत्रफल बता ।

आलिया: आपने सिखाया था कि त्रिकोण का क्षेत्रफल आधार x ऊंचाई/2 होता है । इसलिए त्रिकोण ABE का क्षेत्रफल    AE x BE/2 होगा । और त्रिकोण  BEC का क्षेत्रफल  EC x BE/2  होगा ।

रानिया अली जी: तो रेहान पतंग का क्या क्षेत्रफल है ?

रेहान: पतंग दो सर्वांगसम त्रिकोणो से बनी है – ABC और ADC । त्रिकोन ABC का क्षेत्रफल है AC x BE /2 और त्रिकोण ADC का क्षेत्रफल AC x DE/2 है । दोनो को मिलाकर पतंग का क्षेत्रफल हो गया AC x (BE+DE)/2       यानि  AC x BD/2  यानि लंबाई x चौड़ाई/2   ।  मेरी पतंग  80 से.मी. लम्बी थी और 40 से.मी. चौड़ी । तो उसका क्षेत्रफल हो गया 80 x 40/2 = 1600 से.मी2

रानिया अली जी: और रजाब, तेरी ?

रजाब: मेरी पतंग 90 से.मी. लम्बी और 30  से. मी. चौड़ी थी यानि इसका क्षेत्रफल 90×30/2 = 1350 से.मी2 था । तो रेहान 1600  से.मी2 क्षेत्रफल वाली तेरी पतंग मेरी 1350 से.मी2 वाली से बड़ी थी ।

                ताहीन: मैडम जी, क्या मैं बोर्ड पर एक चरित्र बना सकता हूं ?

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रानिया अली जी: हां, यदि यह चित्र आज के विषय से संबंधित है, तो ।

ताहीन: इस चित्र में मैने पतंग के नीचे वाले भाग को उल्टा दिया, फिर लाल रंग और नीले रंग वाली त्रिकोणों को ऊपर चिपका दिया ।अब यह एक आयत बन गई जिसकी चौड़ाई  AC थी और ऊंचाई BE यानि BD/2  थी । तो इस आयत का क्षेत्रफल AC x BD/2     हो गया ।

रानिया अली जी: ताहीन, तू तो बड़ा तेज़ है । हमने आधा घंटा लगाया था और तो तूने उसे खटा खट कर दिया ।  रजाब और रेहान तुम दोनो प्रिंसिपल साहिबा को बताओ कि आज तुमने क्या सीखा । और हां, मैने बोर्ड पर दो और चतुर्भुज बनाई हैं – एक समांतर और दूसरी समलंबाभ  । अगली क्लास में तुम सब को बतलाओगे कि इनका क्षेत्रफल कैसे निकाला जाता है ।

रजाब: क्या यह करना अनिवार्य है ?

रेहान: हां, अनिवार्य है । याद रख, आज मैडम जी ने हमें स्कूल से निकलवाने से बचा लिया है ।

चुनौती

समांतर (parallelogram) और  समलंबाभ (trapezoid)  चतुर्भुजों के क्षेत्रफल निकालने की विधि निकाल कर रजाब और रेहान की सहायता करो ।

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उत्तर: ABCD एक समांतर चतुर्भज है । इसलिए भुजा AB भुजा CD के समांतर है और भुजा AC भुजा BD के समांतर है ।   C से AB पर एक अभिलंब रेखा CE खींचो, और  B से CD  पर BF । अब  ACE और BFD दोनो समकोण त्रिकोण हैं  । कोण CAE =  कोण BFD (समांतर रेखा के आमने सामने वाले कोण, इसे समांतर रेखाओं के गुणों से भी सिद्ध कर सकते हो ) । और भुजा CA = भुजा DB । इस लिए त्रिकोण  AEC और त्रिकोण BFD सर्वांगसम हैं । अत​: AE = FD   ।

समांतर चतुर्भुज   ABCD =  वर्ग  EBCF + त्रिकोण AEC + त्रिकोण BFD ।  वर्ग का क्षेत्रफल EBCF = EB x CE   । त्रिकोण   AEC का क्षेत्रफल  AE x CE /2 और त्रिकोण  BFD का क्षेत्रफल  FD x FB/2  ।   CD = CF  + FD, AB = AE + EB  और CE = FB  । इसलिए समांतर चतुर्भुज   ABCD का क्षेत्रफल =  EB x CE +AE * CE/2 + FD x FB/2  = AE x CE = आधार x ऊंचाई ।

इसी विधि से समलंबाभ चतुर्भुज का क्षेत्रफल (AB + CD) x CE/2 यानि दोनो समांतर भुजाओं का योग x ऊंचाई/2 आ जाएगा ।

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