आयुश शर्मा और राहुल
आयुश शर्मा की एक छोटी सी टी-शर्ट की दुकान थी । इस दुकान में वह बने हुए चित्रों वाली शर्ट बेचता था, और ग्राहकों की इच्छा के प्रिंट वाली शर्ट भी बना देता था । काम अच्छा चल रहा था । इसलिए उसका लड़का राहुल भी कभी कभी हाथ बटा देता था । राहुल 16 वर्ष का था । उसे क्या वेतन मिला था – पता नहीं पर यह तो उन दोनो के बीच की बात है ।
एक दिन, आयुश पीछे दुकान में काम कर रहा था और राहुल ग्राहकों के स्वागत के लिए बैठा था । एक लड़का और लड़की आए । उनके नाम थे जैस्सी और अम्रिता । वह 50 टी-शर्ट खरीदना चाहते थे जिन पर उन का डिज़ाइन के पैच चिपके हुए हों । उनके दो प्रश्न थे – कितने दिनो में बनेगे और कितने पैसे लगेंगे ।
मैथ क्लब का डिज़ाइन
डिज़ाइन में एक समकोण थी जिसकी भुजाएं 3,4 और 5 से.मी. थी और हर भुजा पर उसके बाहर की ओर उस भुजा के पूरे नाप का वर्ग बना हुआ था (चित्र देखें) । राहुल ने टी-शर्ट के नाप का कपड़ा लिआ और उस पर तीन 32, 42, 52 से.मी.2 के गत्ते के वर्ग रख दिए । उन तीन गत्ते के टुकड़ों को कपड़े पर ऐसे रखा कि बीच में एक समकोण त्रिकोण बन जाए ।
जैस्सी और अम्रिता ने आपस में कुछ खुसर-फुसर की और फिर राहुल से पूछा कि बिछाया हुआ कपड़ा कितना बड़ा था । राहुल ने बताया कि वह कपड़ा एक मीडियम टी-शर्ट के नाप था । जैस्सी और अम्रिता ने कहा कि पैच तो बड़े होने चाहिएं ।
राहुल: यदि आप दोनो विस्तारपूर्वक बताएं कि आप क्या बना रहे हैं तो मैं आप की सेवा पूरी तरह कर सकूंगा ।
पाइथागोरस
अम्रिता: हमारे स्कूल ने एक मैथ क्लब बनाया गया है । स्कूल के कोई भी विद्यार्थी इसमें शामिल हो सकते हैं पर क्लब के अधिकतर सदस्य 11 या 12 क्लास में हैं । काफ़ी वार्तालाप के बाद हमने इस क्लब का नाम ” पाइथागोरियन ट्रिपल्स” रखा है । पाइथागोरस ने सिद्ध किया था कि एक समकोण त्रिकोण के कर्ण की लंबाई का वर्ग बाकी भुजाओं की लंबाई के वर्ग के योग के समान होता है । एक समकोण त्रिकोण जिसकी तीनो भुजाओं की लंबाई पूर्णांक हो, वह एक पाइथागोरियन ट्रिपल कहलाता है । पहला पाइथागोरियन ट्रिपल है जिसकी भुजाएं 3, 4 और 5 हों क्यों कि 52 = 32 + 42 । उससे अगला है 5,12 और 13 पर इसका आकार तो अजीब सा लगेगा । और फिर हमारे स्कूल का पता भी तो 345 सुभाष मार्ग है । इस लिए हम टी-शर्ट पर पैच लगा कर इस पाइथागोरियन ट्रिपल का चिन्ह बनाना चाहते हैं ।
राहुल ने ध्यान से इस लंबी बात को सुना, मुस्कराया और फिर बोला: इसका हल तो मैं निकाल दूंगा ।
अम्रिता: कैसे ?
राहुल: यदि 3, 4, 5 से.मी. आप की कसौटी से उतरता है, तो 3, 4, 5 इंच क्यों नहीं ? ऐसे करने से बड़ा चिन्ह बन जाएगा ।
जैस्सी: हमने यह क्यों नहीं सोचा ?
राहुल: छोड़िए, इस बात को । आप बताएं कि बीच वाली त्रिकोण का रंग पीला होना अनिवार्य है या यह टी-शर्ट के रंग की भी हो सकती है ? ऐसा करने से आपकी पैचज़ के दाम कम हो जाएंगे और थोड़ी बचत हो जाएगी ।
जैस्सी और अम्रिता सहमत थे ।
राहुल ने टी-शर्ट और पैचज़ के थोक के भाव देखे, मज़दूरी और टैक्स के पैसे जोड़े, सब कुछ आयुश को दिखाया और कहा कि सब कुछ मिला कर आप के 50 शर्ट के 20000 रुपए लग जाएंगे ।
जैस्सी और अम्रिता: यह तो 400 रुपए प्रति सदस्य पड़ जाएगा, बहुत मंहगा है ।
राहुल: आप पैचज़ के बारे में कितने अनन्य हैं ? प्रिंटिंग भी सुंदर लगेगी और थोड़ी सस्ती पड़ेगी ।
जैस्सी: नहीं, हमें पैचज़ ही लगाने हैं ।
राहुल: ठीक है, पैचज़ ही लगा लेना पर मैं आप को अपना कुछ प्रिंटिंग का काम दिखाना चाहता हूं ।
राहुल कुछ शर्ट लाया । वह मुलायम काट्टन की बनी हुई थी और उन पर अलग अलग सुंदर रंगीन चित्र बने हुए थे । अम्रिता को यह शर्ट अच्छी लगीं ।
राहुल: आप के डिज़ाइन में बीच वाली त्रिकोण पीले रंग की थी पर दाम कम करने के लिए हमने वह पैच निकाल दिया था । प्रिंट में हम उसे फिर से पीला ही रख लेंगे । हम आम तौर पर एक शर्ट के 300 रुपए लगाते हैं, पर आप को थोड़ी छूट दे सकते हैं क्यों कि आप 50 खरीद रहे हैं ।
अम्रिता: कितनी छूट ?
आयुश से पूछ कर राहुल ने कहा: हमारी दुकान जी ऐस टी दे देगी, तो यह 18 % आप को नहीं देना पड़ेगा । तो 300 प्रति शर्ट के हिसाब से आप के 15000 रुपए लगेंगे ।
अम्रिता: याद है, हमारे गणित वाले सर नें कहा था कि यदि हम प्रिंसिपल साहिब को इस बात को अच्छी तरह प्रस्तुत करें तो वह 10000 रुपए स्कूल से दे देंगे । तो सदस्यों को केवल 5000 रुपए यानि 100 रुपए पर सदस्य ही पड़ेंगे ।
जैस्सी: ठीक है, हम 50 शर्ट इस भाव पर ले लेंगे ।
अब बाकी काम रह गया अच्छी तरह प्रस्तुत करने का ताकि गणित सर और प्रिंसिपल सर प्रभावित हो जाएं । यदि यह कार्य आप पर छोड़ा जाए तो बताओ क्या करोगे ।
चुनौती
पाइथागोरस के सिद्धांत के अनुसार एक समकोण त्रिकोण के कर्ण का वर्ग उसकी बाकी दो भुजाओं के वर्ग के योग के समान होता है । इसे सिद्ध करो ।
उत्तर: इसे कई तरीकों से साबित किया जा सकता है । नीचे दिया गया सबूत एक अमेरिकन राष्ट्रपति ने दिया था – नहीं डानल्ड ट्रंप नहीं, राबर्ट गार्फ़ील्ड ने 1876 में जब वह अमेरिका के बीसवें राष्ट्रपति थे ।
ABC एक समकोण है, जिसकी भुजाओं की लंबाई है: AB = a, AC = b और कर्ण BC = c । रेखा AC को आगे बढ़ाओ ताकि रेखा की भुजा CD की लंबाई a हो (त्रिकोण के आधार AB के समान ) । अब एक समकोण (CDE) बनाकर त्रिकोण CDE बनाओ ताकि DE = b ।
E और B को मिलाते हुए एक रेखा EB खींचो (चित्र देखें) ।
अब त्रिकोण ABC और त्रिकोण CDE सर्वांगसम हैं क्योंकि AB = CD = a, AC = DE= b, कोण BAC = CDE = 90° । इसलिए भुजा CD = c और कोण BCE = 180° – कोण DCE – कोण DEC = 90° । अत: BCE भी एक समकोण त्रिकोण है ।
ABDE एक समलंबाभ चतुर्भुज है क्यों कि केवल भुजाएं AB और DE ही समांतर हैं (कोण BAC + CDE = 180°) ।
ABDE का क्षेत्रफल = (AB + DE) x (AC + DC)/2 = (a + b) x (a + b)/2 = a2/2 + b2/2 + ab ।
ABDE का क्षेत्रफल = त्रिकोण ABC, CDE और BCE के क्षेत्रफल का योग = (ab/2 + ab/2 +c2/2) ।
इसलिए a2/2 + b2/2 + ab = ab/2 + ab/2 + c2/2 यानी a2 + b2 = c2 यानी आधार2 + ऊंचाई2 = कर्ण2 ।
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