मुस्कराने के लाभ
मुस्कुराने के कई लाभ हैं । पहला लाभ है कि यह किसी मित्र या अजनबी का भी दिन बना सकता है । मुस्कुराहट अथवा मंदहास स्वयं में ही एक भाषा है – प्रेम की भाषा । याद करो कि पिछली बार एक अजनबी की मुस्कराहट पर आप की क्या प्रतिक्रिया थी । संभावना है कि आप को अच्छा लगा होगा । उसी प्रकार आप मुस्करा कर एक मिलने वाले को भी प्रसन्नता दे सकते हैं ।
प्रेम और शक्ती
मुस्कुराने पर हम मिलने वाले के दिन को उज्ज्वल करने के साथ साथ हम स्वयं भी आनंदित होते हैं । हम प्रेम और आंतरिक शक्ति की भावना में रहते हैं । स्वयं को सबसे प्रसन्न लोगों में समझो । वह नित्य मुस्कुराते हैं । मुस्कुराने पर हमारे में से एक प्रेम और शांति का तेज उभरता है और लोग हमारी ओर आधिक आकर्षित होते हैं ।
यद्यपि हम सब अपनी मुस्कुराहाट को बढ़ाना चाहते हैं, हमारे लिए अपनी दिनचर्या और दैनिक भंवरजाल में फस जाना इतना सरल है कि हम मंदहास के लिए समय ही नहीं निकाल पाते । तो हम कैसे जागृत होकर कैसे इसकी आदत डाल सकते हैं ?
मुस्कुराहट को कैसे बढ़ाएं
प्रसिद्ध बुद्ध यती थिश न्हाट हान्ह ने हमें मुस्कुराहट की याद के लिए कुछ अगाध विधियां बताई हैं । एक विधि है श्रमिज्ञ श्वसन । हम मानसिक रूप से पुनरावृत्ती कर सकते हैं, सास लेने पर मैं शांत हूं, सांस छोड़ने पर मैं मुस्कुरा रहा हूं । व्यक्तिगत तौर पर मुझे यह मन से कहना सरल लगता है: मैं सांस अंदर लेने पर शांत हूं और सांस छोड़ने पर मुस्कुरा रहा हूं । इसके केवल पांच या दस मिनट के अभ्यास से ही हम शांत और सचेत हो जाएंगे और मुस्कुराहत स्वयमेव ही आ जाएगी । कर के देख लीजिए, मेरा दावा है कि आप हैरान हो जाएंगे कि आप कितनी जल्दी मुस्कराने लगेंगे और आप को यह कितना आनंदमय लगेगा । हान्ह के अनुसार, “मानसिक जागृति मुस्कुराहट का स्रोत है ।”
एक और विधि जिसे आजमाने के लिए थिश न्हाट हान्ह आप को निमंत्रित करते हैं कि कमरे में कुछ रख लो जो तुम्हें उठने पर मुस्कुराने की याद दिलाए । यह एक वृक्ष की डाली, पत्ता, चित्र या प्रेरणापद शब्द – कुछ भी हो सकता है । कुछ भी हो, जो बस आप को उठते ही मुस्कुराने की याद दिलाए । इस पदार्थ को कहीं भी टांग लीजिए जहां से उठते ही आप इसे देखें जैसे बिस्तर के ऊपर छत पर या सामने वाली खिड़की पर । दिन को मुस्कुराते हुए आरंभ करना सारे दिन को शांतीऔर आंतरिक आनंद देता है । इसका अभ्यास हो जाने पर किसी के याद दिलाते रहना आवश्यक नहीं रहेगा, यह आपकी दैनिक प्रतिक्रिया का प्राक्रितिक भाग बन जाएगा । आप पाएंगे कि प्रेम और प्रसन्नता आपके जीवन में आ गए हैं, और उठते ही आपका स्वागत करते हैं ।
मुस्कुराने के क्रियात्मक लाभ
मुस्कुराने के क्रियात्मक लाभ भी हैं । मुस्कुरा कर हम अपने चेहरे के सैंकड़ों पुट्ठों को विश्राम देते हैं । मुस्कुराहट मानसिक तनाव और दबाव को घटाती है । अन्यथा मानसिक तनाव और दबाव इकट्ठे होते रहते हैं और हमारे गर्दन, कंधे और कमर सख्त और स्तंभित हो जाते हैं । मुस्कुरा कर हम शारीरिक स्तंभिता को निकाल देते हैं ।
मुस्कुराने के यह तो केवल कुछ ही लाभ हैं । मेरी आशा है कि आप मुस्कुराहट लाने के लिए इन विहित साधनो का प्रयोग करोगे । जैसे जिम में शरीर को सुधारा जा सकता है और मस्तिश्क को पढ़ाई से, उसी तरह अभ्यास से मुस्कुराहट को भी सीखा जा सकता है । हान्ह के अनुसार एक मुस्कुराता हुआ चेहरा प्रकट करता है की आप अपने स्वामी हो । तो मुस्कुराइए और अपने स्वामी बनिए ।