अध्यापक शक्ती कक्कड़
अध्यापक शक्ती कक्कड़ जी ने अपनी ट्रिग की कक्षा में प्रवेश किया । लगता था कि आज वह वहुत खुश थे । तभी विद्यार्थिओं को आभास होने लगा कि शक्ती सर कुछ अलग ही करने वाले हैं । वह जानते थे कि सर को चुनौती देने में आनंद मिलता है और सर की मुस्कान का एक ही अर्थ था कि चुनौती बड़ी जटिल होगी । पिछली बारी जब वह इतना खुश हो कर क्लास में आए थे उन्होंने त्रिकोणमिती से π का मूल्यांक निकालने के लिए कहा था । जाने आज क्या होने वाला है ?
अध्यापक: आज हम अधिक, समकोण और न्यून त्रिभुजों के बारे में सीखेंगे । टिंकू, बताओ कि एक समकोण त्रिभुज क्या होती है ।
इस प्रश्न की सरलता के कारण टिंकू ने अपनी हंसी रोकते हुए कहा: सर जी, जब त्रिभुज का एक कोण समकोण यानी 90° हो तो उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं ।
अब कौन बताएगा कि अधिक और न्यून त्रिभुज क्या होती है । कई विद्यार्थिओं ने हाथ उठाया पर अध्यापक ने दीपिका को चुना ।
दीपिका: सर जी, अधिक त्रिभुज का एक कोण 90° से बड़ा होता है पर न्यून त्रिभोज का हर कोण 90° से छोटा होता है ।
त्रिकोणमिति से त्रिभुज वर्गीकरण
अध्यापक: सैरा, बोर्ड पर तीनों प्रकार की त्रिभुजों के कोणो के त्रिकोणमिती के फलन लिखो ।
सैरा बोर्ड पर गई और तीन प्रकार के त्रिभुज के सबसे बड़े कोण (चित्र देखें) के त्रिकोणमिती फलन लिखे ।
अधिक | समकोण | न्यून | |
Sin BAC | <1 | 1 | >0, < 1 |
Cos BAC | <0 (नकारात्मक मूल्य) | 0 | >0, < 1 |
Tan BAC | <0 (नकारात्मक मूल्य) | ∞ | सकरात्मक-मूल्य
0 से ∞ |
अध्यापक: शाबाश सैरा । अब बताओ की अधिक, समकोण और न्यून त्रिभुज के सरल वर्गीकरण के लिए कौन सा एक फलन चुनोंगी ।
सैरा: सर जी cos क्योकि इसका मूल्य अधिक त्रिभुज के लिए नकारात्मक है, समकोण के लिए शून्य और न्यून के लिए सकरात्मक । यह वर्गीकरण के लिए सरल रहेगा ।
कई विद्यार्थी तो जैसे विस्मित से हो गए सोचकर कि इन त्रिभुजों का वर्गीकरण त्रिकोणमिती से भी किया जा सकता और वह भी इतनी सरलता से ।
पर अध्यापक शक्ती कक्कड़ जी कुछ और सोच रहे थे ।
पाइथागोरस प्रमेय से त्रिभुज वर्गीकरण
. उन्होंने क्लास से पूछा यदि किसी को रेखागणित में सीखा हुआ पाइथागोरस का प्रमेय याद है । कई विद्यार्थिओं ने हाथ खड़ा किया पर अध्यापन अर्जुन को चुना ।
अर्जुन: एक समकोण त्रिकोण के कर्ण की लंबाई का वर्ग बाकी भुजाओं की लंबाई के वर्ग के योग के समान होता है ।
अध्यापक: इसका मतलब है कि यदि कर्ण की लंबाई हो c और बाकी भुजाओं कि लंबाई हों a और b, तो c2 = a2 + b2 । अर्जुन क्या यह ठीक है ?
अर्जुन: सर जी, बिल्कुल ठीक ।
अध्यापक: क्लास अब तीन तीन के घुट में बैठ कर काम करके बताओ कि क्या समीकरण c2 = a2 + b2 अधिक त्रिकोण के लिए भी उचित होगा । इस त्रिकोण की सबसे लंबी रेखा का लंबाई c है और दूसरी रेखाएं a और b लंबी हैं । मैं एक सुझाव देता हूं । बोर्ड पर बनी हुई त्रिकोण ABC में C से एक लंब रेखा खींचो जो आधार रेखा AB को मिलती हो ।
लगभग 10 मिनट बाद टामी ने हाथ उठाया और कहा कि उनके घुट ने इस प्रश्न का हल निकाल लिया है और उत्तर है कि अधिक कोण त्रिकोण में c2 > a2 + b2 । अध्यापक ने उसे कहा कि बोर्ड पर लिख कर सारी क्लास को समझाए कि यह उत्तर कैसे निकाला गया । टामी ने निम्नलिखित उत्तर लिखा ।
एक त्रिकोण ABC में भुजा BC अधिक कोण A के सामने है और उसकी लंबाई c है । भुजा AB की लंबाई a है और AC की लंबाई b है । हमने एक लंब रेखा CD खीची जो D पर विस्त्रित रेखा AB को मिलती है । मान लिया की BD की लंबाई h है औए AD कि लंबाई x ।
तब बड़ी समकोण BCD से, h2 = c2 – (a+x)2.
समकोण DAC से, h2 = b2 -x2.
इसलिए c2 – (a+x)2 = b2 -x2.
इस समीकर्ण के दोनो पक्षों में (a+x)2 का योग करने पर, c2 = (a+x)2 + b2 -x2 अथवा
c2 = a2 +2ax +x2 + b2 -x2 or c2 = a2 + b2 +2ax.
क्योंकि a, b, c, x सब सकरात्मक हैं c2 > a2 + b2.
सभी विद्यार्थी ही नहीं, अध्यापक शक्ती कक्कड़ भी इस अप्रवेश्यता से बहुत प्रभवित हुए । अध्यापक: शाबाश टामी, सैरा और जानी । तुम तीने ने साबित कर दिया कि एक अधिक त्रिकोण में c2 > a2 + b2. याद रहे कि अर्जुन ने कहा था कि एक समकोण त्रिकोण में c2 = a2 + b2. अब मैं तुम्हें बताता हूं कि एक न्यून कोण त्रिकोण में, यदि सबसे लंबी भुजा का नाप c हो और बाकी भुजाएं a और b हों तो c2 < a2 + b2। इसको साबित करना तुम्हारा होमवर्क है ।
अब इन तीन प्रकार की त्रिकोणो का वर्गीकरण चाहो तो त्रिकोणमिति से कर लो, अधिक का cos नकारात्मक, समकोण का cos 0 और न्यून का cos सकरात्मक । चाहो तो बीजगणित से, अधिक c2 > a2 + b2, समकोण c2 = a2 + b2, और न्यून c2 < a2 + b2।
Obtuse | Right angle | Acute | |
Cos BAC | <0 (negative) | 0 | >0 but < 1 |
Value of the longest side c | c2 > a2 + b2 | c2 = a2 + b2 | c2 < a2 + b2 |
चुनौती
प्रश्न: साबित करो कि एक न्यून कोण त्रिकोण में, यदि सबसे लंबी भुजा का नाप c हो और बाकी भुजाएं a और b हों तो c2 < a2 + b2
उत्तर: प्ताप्त सूचना । एक न्यून कोण त्रिकोण ABC है जिसकी सबसे लंबी भुजा BC का नाप c है, आधार AB का नाप a और भुजा AC का नाप b है ।
एक लंब रेखा C से खींचो जो D पर रेखा AB को मिलती है । मान लिया की CD की लंबाई h है औए BD कि लंबाई x । तो AD की लंबाई a-x होगी ।
तब बड़ी समकोण BCD से, h2 = c2 – x2.
समकोण DAC से, h2 = b2 -(a-x)2.
इसलिए c2 – x2 = b2 -(a-x)2 अथवा c2 = b2 -(a-x)2 + x2 अथवा c2 = b2 – a2-x2 +2ax + x2
अथवा c2 = b2 – a2 +2ax
अथवा c2 = a2 + b2 – 2a2 +2ax अथवा c2 = a2 + b2 – 2a (a + x)
क्योंकि a और x दोनो सकरात्मक हैं c2 < a2 + b2