सैरा और उसका प्रेमी टहलने गए
आम तौर पर सैरा और जानी कहीं और नहीं जाते थे – घर से स्कूल और स्कूल से घर । कभी कभी यह दोनो प्रेमी शाम को टहलने भी निकल जाते थे । यह भी ऐसा ही एक दिन था । अब गर्मी सही जा रखी थी क्योंकी सूर्यास्त हो चुका था । वास्तव में विरल वायु के झोंके बाहर घूमना आरामदेह बना रहे थे । पेड़ों पर हरियाली और पौधों पर रंग बिरंगे फूल, बाहर के द्रृश्य को लुभावना बना रहे थे । सैरा की इच्छा थी कि वह और उसका प्रेमी टहलने के लिए जाएं, अपने नगर की पानी की टैंकी की ओर । यह टैंकी नगर के मध्य में थी और इसके इर्द गिर्द पार्क भी थे जहां लोग बैंचों पर बैठ कर मौसम का मज़ा लेते थे । यह स्थान उनके घर से दूर तो नहीं था पर फ़िर भी जानी अपनी साइकिल साथ ले गया – नई जो थी । जानी इसे हर जगह अपने साथ ले जाता था । सैरा के हाथ में एक डिब्बा था । जानी इस डिब्बे से चकित था क्योंकि उसने पहले तो इसे सैरा के पास कभी नहीं देखा था, और उसे पता नहीं लग रहा था कि क्यों वह इसे उठाकर ले आई थी ।
सैक्स्टैंट है जिस से सिविल इंजीनियर कोण नापते हैं
जानी: सैरा, इस डिब्बे का क्या किस्सा है ?
सैरा: यह डिब्बा मेरा नहीं, मेरे पिता जी का है । जब मेरे पिता जी चौदह वर्ष के थे, मेरे दादा जी ने उन्हें दिया था । पिता जी इसे प्यार से और ध्यान से रखते हैं, पर आज उन्होंने मेरी मांग पर थोड़े समय के लिए मुझे दे दिया है ।
जानी: इस डिब्बे में है क्या ? मैं तो उत्सुकता से मरे जा रहा हूं ।
सैरा: इस डिब्बे में सैक्स्टैंट है जिस से सिविल इंजीनियर कोण नापते हैं ? मेरे पिता जी को इस क्षेत्र का शौक था पर वह बाद में सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग की ओर चले गए । अच्छा हुआ, क्योंकि अन्यथा वह मेरी मां जी को ना मिलते ।
जानी: हम इस यंत्र से क्या करने वाले हैं ?
सैरा: हम इसे पानी की टैंकी के टावर के बारे में जानकारी लेंगे ।
कितना ऊंचा है यह टावर ?
जानी: कितना ऊंचा है यह टावर ?
सैरा: हमें इसकी जांच करनी है ।
जानी: कैसे जांचेंगे ? यदि मैं इस पर चढ़ भी जाऊं, तो भी मेरे पास कोई नापने का फ़ीता भी नहीं है ।
सैरा: इसी लिए तो मैं अपने पिता जी का सैक्स्टैंट लाई हूं । चल हम टावर के बिल्कुल पास तक जाएंगे और फिर वापिस आएंगे ।
जानी: वापिस कितनी दूरी तक आना है ?
सैरा: 150 मीटर, यह दूरी अपनी साइकिल पर लगे यंत्र से नाप लेना ।
दोनो टावर तक गए और फिर पश्चिम वाली पगडंडी पर वापिस आ गए । वहां सैरा ने दो कोण नापे । पहला कोण था उस दूरी से टावर के धर्ती के स्तर से टैंक के शिखर तक । इसको इस कोण को X कहा और यह 35° का था । दूसरा था टावर के धर्ती के स्तर से जहां टैंक का नीचा भाग टावर को मिलता था । दूसरे कोण को उसने Y का नाम दिया और यह कोण 30° का था । सैरा ने यह सब लिख लिया और फिर दोनो भ्रमण का आनंद लेने लगे । किंतु, जानी उत्सुकता से बेचैन था । यह सब करने से कैसे पता लगेगा कि टावर कितना ऊंचा है ?
दोनो भ्रमण से वापिस सैरा के घर आए जहां उन्होंने जलपान किया । उसके बाद सैरा ने पानी के टैंक टावर वाले कोणो और दूरी दिखाने वाला एक चित्र बनाया । जानी को अब तक इतना आत्मविश्वास हो चुका था कि वह इस चित्र का अर्थ समझ सके और अनुमान लगा सके कि सैरा आगे क्या करने वाली थी ।
जानी: क्या हम कोणो के आधार पर टावर की ऊंचाई जांचेंगे ? यह तो सरल होना चाहिए । ∠X के लिए, टावर के शिखर की ऊंचाई/टावर से दूरी tan X होनी चाहिए ।
सैरा: हां ∠X = 35° और मेरे कैल्कुलेटर के अनुसार tan 35° = 0.7 है । इसका मतलब DC/AB (ऊंचाई/आधार)= 0.7 है ।
जानी: मैने अपनी साइकिल से नापा था की आधार (AB) 150 मीटर था । इसका मतलब है कि DC/150 = 0.7 यानी DC = 105 मीटर है । अरे वाह, तो टावर की ऊंचाई 105 मीटर है ।
सैरा: और, इसके लिए तुझे टावर पर चढ़ना भी नहीं पड़ा ।
टैंकी में कितना पानी आ सकता है ?
जानी: कोण Y , यानी टैंक के बिना टावर की ऊंचाई वाला कोण केवल 30° ही था और tan 30° = 0.577 है । सो टैंक के बिना टावर की ऊंचाई केवल 150 x 0.577 = 86.55 मीटर है । इसका मतलब है कि केवल टैंक की ऊंचाई 105 – 86.55 = 18.7 मीटर है । बाप रे, यह तो बहुत बड़ा टैंक है । इस में तो बड़ा पानी आ जाता होगा ।
सैरा: टैंक तो एक 18.7 मीटर ऊंची गेंद लगता है, इसका अर्धव्यास (radius) 9.35 मीटर होगा । मैने इंटरनैट से पता किया है एक गेंद का घनफल 4πr3/3 होता है, जब r इसका अर्धव्यास हो । तो इस गेंद का घनफल लगभग 3200 मीटर3 होगा जो 3.2 मिलियन लिटर है ।
जानी: यह तो बहुत सारा पानी है । मैं तो दिन में लेवल 3 लिटर ही पी पाता हूं । इतना सारा पानी पीने को तो मुझे मिलियन दिन लग जाएंगे । यह रहा हमारे नगर का वैबसाइट । इसमें टावर की ऊंचाई 105 मीटर लिखी हुई है जितनी की हमने निकाली थे । लिखा है । पानी की टैंकी में 2.9 मिलियन लिटर पानी भरा जा सकता है ।
सैरा: हम ने इसमें पानी के घनफल को वास्तविकता से अधिक समझा था क्यों कि हमने केवल बाहर के नाप लिए थे और टैंकी की दीवार की मोटाई के बारे में नहीं सोचा था ।
जानी: तो हम किसी भी इमारत की ऊंचाई इस तरह नाप सकते हैं: जैसे न्यू यार्क की स्टैचू आफ़ लिबर्टी, टोरांटो का सी एन टावर, पैरिस का आइफ़ल टावर और दिल्ली की कुतब मीनार ।
सैरा: हां, यदि हम वहां जा सकें पिता जी का सैक्स्टैंट और तेरी साइकिल लेकर ।
जानी के दिमाग में भर गया कि इस विधि से किसी भी चीज़ की ऊंचाइ निकाली जा सकती है, जैसे टावर, भृगु, गगनचुंबी इमारत औरत पहाड़ । वह प्रभाविक और उत्तेजिक था कि अब उसमें एक नई शक्ती मिल गई थी – ऊंचाई नापने की । उसने घर जा कर ट्रिग की पुस्तक में देखा कि कई प्रश्न ऊंचाई नापने पर ही थे । जानी अब इस विषय में क्लास में अधिकतर विद्यार्थिओं से आगे था, ट्रिग विज़ जो बन गया था । मित्र उससे आ कर पूछते थे जानी इस या उस प्रश्न को कैसे करें । जानी के लिए यह एक नया अनुभव था ।
चुनौती
काला बकरा गांव में भी विकास हो रहा है और वह एक शहर सा बन गया है । लोगों की इच्छा है कि एक हवाई अड्डा बनाया जाए । शहर के उत्तर में सार्वजनिक भूमी भी उपलब्ध है । भूगोल संबंधी दुविधा के कारन विमान का धावन पथ (runway) पूर्व – पश्चिम दिशा में नहीं बन सकता । इस भूमी के उत्तर में भी पहाड़ है । इसलिए हवाई जहाज़ केवल दक्षिन से आ सकते हैं और दक्षिन की ओर ही जा सकते हैं । हवाई अड्डे के स्थान से तीन किलोमीटर दूर दक्षिन में भी दो-तीन गगनचुंबी इमारतें बन रही हैं । सबसे ऊंची इमारत 100 मीटर ऊंची है । नीचे उतरते हुए हवाई जहाज़ का मार्ग का स्लोप 3° होता है और ऊपर चढ़ते हुए 8° होता है । क्या इस स्थान पर हवाई अड्डा बनाना उचित होगा ?
उत्तर: विमान के धावन-पथ के दक्षिनी अंत (A) से 100 मीटर ऊंचाई वाली इमारत (BC) तक एक समकोण त्रिकोण (ABC) बनाओ (चित्र देखें) ।
प्रश्न में दिया गया: AB = 3 किलोमीटर = 3000 मीटर ।
प्रश्न: ∠CAB (x) कितना है ?
tan x = BC/AB = 100/3000 = 0.0333 । Arctan (.03333) = 1.91° जो कि 3° और 8° दोनो से कम है । . स्थान B पर विमान की ऊंचाई 3000 x tan (3°) = 157.2 मीटर होगी उतरते समय, और 3000 tan (8°) = 421.6 मीटर चढ़ते समय ।
विमान 100 मीटर वाली इमारत से नहीं टकराएगा, ना नीचे उतरते हुए और ना ऊपर चढ़ते हुए ।