प्रिया एक तिकड़मी लड़की
प्रिया हमेशा एक तिकड़मी लड़की रही है । अब, सिर्फ़ सोलह साल की है, पर अपनी मां जेन के साथ उसकी दुकान पर अच्छा काम करती है । यह दुकान टी शर्ट्स पर चित्र छापती है, और चित्रों वाली शर्ट्स को बेचती भी है । उसकी मां प्रिया को न्यूनतम वेतन देती है । और यह मेहनती लड़की अभी स्कूल में पढ़ती भी है, और कुछ घंटे रोज़ मां की दुकान पर जाती है ।
प्रिया भूगोल का कोर्स कर रही थी । इस विषय के इम्तिहानों में वह फ़ेल होती जा रही थी । अंतिम परीक्षा पूरे कोर्स का 40% भाग होगी । अध्यापक ने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी चाहें तो इस परीक्षा की जगह वह एक भूगोल का प्रोजैक्ट कर सकते हैं । प्रिया ने सोचा कि यह उसके लिए अच्छा होगा क्योंकि धीरे धीरे प्रोजैक्ट पर काम करना उसके लिए उचित होगा । उसने यह रास्ता चुन लिया । प्रिया बड़ी चालाक थी । उसने सोचा कि ऐसा प्रोजैक्ट चुने की दुकान का काम गिना जाए ताकि मां इसके लिए वेतन भी देती रहे । उसने प्रस्ताव किया कि उसके प्रोजैक्ट का शीर्षक होगा, “जेन की दुकान पर आने वाले ग्राहक कहां के रहने वाले हैं ” । मां मान गई कि शायद प्रिया दुकान के लिए कोई अच्छी बात पता कर ले और फिर वह पैसे तो अपनी बेटी के लिए ही दे रही थी । अध्यापक ने भी यह शीर्ष स्वीकार कर लिया क्यों कि इसमें भूगोल को औद्योगिक कार्य के लिया प्रयोग किया जा रहा था ।
भूगोल का प्रोजैक्ट
टी शर्ट बनवाने वाले ग्राहक अपना नाम और पता दुकान पर लिखवा जाते । बाद में वह तैयार हुआ सामान आ कर ले जाते थे । प्रिया ने दुकान की पुस्तक में से पिछले दो माह की ग्राहकों के घरों की सूचना ले ली । फिर अपने लैप टाप पर गूगल मैप से उसने हर ग्राहक के लिए दुकान से उनके घर की दूरी निकाली । यह उसका डेटा था । उसने इसे तीन भागों में बांटा: ग्राहक जिनके घर 1 कि. मी. से कम दूर थे, 1 से 2 कि. मी. दूर और या तीसरे जो 2 कि. मी. से अधिक दूर । उसका निष्कर्श था कि बहुत कम ग्राहक 2 कि. मी, से ज्यादा दूर रहते थे । उसने इस डेटा और निष्कर्श के आधार पर अपनी रिपोर्ट लिख दी ।
उसने अध्यापक से निवेदन किया वह इस रिपोर्ट को देख कर अपनी राय दें पर अभी इसे नंबरों के लिए नहीं जांचें । अध्यापक ने इस पर नज़र मारी और कहा, “तू इससे अच्छा काम कर सकती है, बहुत अच्छा” । इस प्रोजैक्ट को तुझे स्वाधीनता से करना है, और इसलिए मैं कोई और सुराग नहीं दे सकता” ।
बेचारी प्रिया, सिर नीचा करके कैफ़िटेरिया में बैठी थी । वह दुखी थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करना है । उसकी एक सहेली केट ने उसे देखा और आकर साथ बैठ गई । प्रिया कोई बात करने वाली मन:स्थिति में नहीं थी । केट अच्छी सहेली थी और प्रिया को इस तरह अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी । केट ने प्रिया को दुख का कारण पूछा ।
प्रिया: अध्यापक मेरे भूगोल के प्रोजैक्ट की रिपोर्ट से खुश नहीं है । मैं भूगोल में फ़ेल हो जाऊंगी ।
केट: रिपोर्ट दिखा ।
सैरा से मित्रता
प्रिया ने रिपोर्ट केट को दे दी । उसे तो कुछ समझ नहीं आया पर अचानक बोली: वह सैरा है । उससे बात कर । हो सकता है वह तेरी सहायता कर दे । मैने सुना है कि वह बड़ी होशियार है और दूसरों की सहायता भी करती है । बात कर उससे ।
प्रिया: पहली बात, मुझे तो पता नहीं कि उसने भूगोल का कोर्स किया भी था या नहीं । दूसरी, वह क्यों मेरी सहायता करेगी ? वह स्कूल में मेरे से दो साल आगे है, वह तो मुझे जानती तक नहीं ।
अच्छी मित्र होने के नाते, केट ने प्रिया का पीछा नहीं छोड़ा, और कहती गई: वह बड़ी चतुर है और उसे चुनौतियां बड़ी पसंद हैं । फिर, उससे बाद करने से तेरा चला क्या जाएगा ? उससे अच्छी तरह पेश आना । मैने उससे एक बार बात की थी और मैं तुन दोनो को मिला दूंगी । चल भी अब ।
सैरा के पास जा कर केट बैठ गई और प्रिया भी उसके पीछे पीछे थी ।
केट: हाय सैरा, मेरा नाम केट है । एक बार हम मिले थे, पता नहीं तुझे याद है या नहीं, और यह मेरी सहेली प्रिया है ।
सैरा: हाय केट । मुझे याद है कि हम मिले थे । प्रिया, तेरे से मिल कर खुशी हुई ।
प्रिया: मैने तेरे बारे में बड़ी अच्छी अच्छी बातें सुनी है । सुना है कि तूने अपने बायफ़्रैंड जानी की ट्रिग में बड़ी सहायता की थी ।
सैरा: हां मैं उससे प्यार करती हूं और उसकी सहायता की थी । क्या यह तेरे लिए एक समस्या है ?
प्रिया: मेरी एक समस्या तो है पर वह नहीं कि तू होशियार है या तूने जानी कि सहायता की थी । मैं तो तुझे सराहती हूं । कितना अच्छा होता यदि कोई मेरी भी सहायता करता ।
सैरा: प्रिया, तूने कहा थी कि तेरी कोई समस्या है ।
केट: इसकी समस्या तेरे लिए चुनौती भी हो सकती है ।
प्रिया: हां मेरी एक समस्या है । मैं तेरे पास इसलिए आई हूं कि सुना है तू बहुत होशियार है । तेरा अपना बड़ा काम होगा । यदि तू मुझे मना कर दे, तो मैं बुरा नहीं मानूंगी ।
सैरा: पहले बता, सहायता किस लिए चाहिए । यदि कर सकूंगी तो हां कह दूंगी, नहीं तो मना कर दूंगी ।
प्रिया ने उसे अपने भूगोल के प्रोजैक्ट के बारे में बताया और रिपोर्ट दिखाई । सैरा ने उस पर नज़र मारी ।
सैरा: मैं समझ गई हूं कि इसे कैसे सुधारा जा सकता है । तूने कहा था कि यह एक भूगोल का प्रोजैक्ट है, तो इसमें थोड़ा भूगोल डाल । इलाके का एक नक्शा बना । उसमें दिखा तेरी दुकान कहां है और हर ग्राहक के घर की जगह पर एक बिंदु का चिन्ह लगा ।
सैरा: कहां है यह दुकान, पता बता ।
प्रिया ने दुकान का पूरा पता बताया । सैरा मुस्कराई और फिर उसने पूछा: क्या तुझे इस रिपोर्ट पर A+ चाहिए ?
प्रिया: हां, पर कैसे ?
सैरा: पहले जैसे कहा है वैसा नक्शा बना कर ला । फिर बात करेंगे ।
प्रिया: धन्यवाद सैरा, मैं अवश्य जल्दी ही करके तुझे दिखाऊंगी ।
प्रिया तो A+ का नाम सुनते ही खुशी से भर गई और उसने केट को भी धन्यवाद दिया, सैरा को मिलाने के लिए । तीन दिन बड़े परिश्रम से उसने एक नक्शा बनाया जिसमें उसकी मां कि दुकान तो थी ही पर साथ साथ सैंकड़ों ग्राहकों के रहने वाले स्थान पर बिंदु के चिन्ह थे । वह नक्शा सैरा को दिखाने के लिए लाई ।
सैरा: देख अब यह भूगोल का प्रोजैक्ट लगता है । इसमें एक नदी भी है । क्या तेरी मां इससे खुश है ?
प्रिया: हां, मां ने कहा था कि इस नक्शे से उसे कहीं अधिक जानकारी मिल रही है, पिछली रिपोर्ट की तुलना में । नदी के पार से तो हमारे यहां कभी कोई भूला भटका ग्राहक ही आता है ।
A+ के लिए तुझे कुछ नया सीखना होगा
सैरा: याद है कि दुकान का पता सुन कर उस दिन मैं मुस्कराई थी । मैं इस नदी के बारे में ही सोच रही थी । अब देख, इसके आधार पर अब तू रिपोर्ट लिखे तो आसानी से तुझे B+ मिल जाएगा । A+ लेने के लिए तुझे कुछ नया सीखना होगा । मैं इसके बारे में तब से सोच रही हूं जब पहली बारी हमारी बात हुई थी ।
प्रिया: मुझे क्या सीखना पड़ेगा ?
सैरा: मैं तेरे साथ हूं, समझाती रहूंगी पर तुझे डटे रहना होगा चाहे जितना भी जटिल लगे ।
प्रिया: हां हां, चल बता ।
सैरा ने अपना लैपटाप चलाया और एक डार्ट बोर्ड (तीर पटल) का चित्र सामने आया ।
प्रिया: क्या मुझे डार्ट खेलना सीखना होगा ? मुझे पहले से ही आता है ।
सैरा: नहीं, हम इस चित्र की सहायता से कुछ सीखना चाहते हैं ।
प्रिया: चल bull’s eye (चांदमारी) से शुरू करें । कठिन होता है यहां मारना ।
सैरा: क्या तुझे याद है कि गणित में origin (उत्पत्ति) थी वह स्थान जहां क्षैतिज और लंब अक्ष एक दूसरे को काटते है ?
प्रिया: हां हां, तो क्या हम bull’s eye को origin कहेंगे ?
सैरा: हां, हम कहेंगे कि bull’s eye का केंद्र वाला inner बिंदु origin है ।
प्रिया:तो उसके निकटतम वृत्त होगा outer bull’s eye का गोलधारा ।
सैरा: तो क्या हम कह सकते हैं कि outer bull’s eye न्यूनतम अर्धव्यास (radius) वाल वृत्त है ?
प्रिया: इससे अधिक अर्ध्व्यास वाला वृत्त ट्रिपल रिंग है और सबसे ज्यादा अर्धव्यास वाला है डबल रिंग ।
सैरा: बढ़िया, तो हम रिंग्स की स्थिति उनके अर्धव्यास से बता सकते हैं ।
प्रिया: हां, मैने यह सब अभी अभी कर तो दिया है ।
सैरा: अब तुझे मैं डार्ट बोर्ड के ऊपर डार्ट दिखाऊंगी । मैने सारे अंक हटा दिए हैं । अब डार्ट की सुई की स्थिति बता ।
प्रिया: यह बाहर वाली रिंग पर origin के बिल्कुल ऊपर है ।
सैरा: यदि हम बोर्ड पर दिशाएं लिख दें, तो तू मुझे संक्षिप्त रूप से यह स्थिति बता देगी ।
प्रिया: हां, अब मैं कहूंगी के बाहर वाली रिंग में उत्तर की ओर ।
सैरा: चल ठीक है, पर यदि सुई की स्थिति उत्तर से थोड़ी इधर उधर हो, तो क्या करेगी ?
प्रिया: क्या हम निशान नहीं लगा सकते की किस ओर कितने का कोण है ?
Polar co-ordinates (धुवीय निर्देशांक)
सैरा: हां हम कर सकते हैं । पता है, तूने इस तरह polar co-ordinates (धुवीय निर्देशांक) के ग्राफ़ पेपर की मांग की है ।
प्रिया: मुझे तो पता भी नहीं कि यह होती क्या बला है ।
सैरा: Polar co-ordinates किसी भी बिंदु की स्थिति बताते हैं, वह origin से कितनी दूर है और किस कोण पर है । आम तौर पर इनमें पूर्व की दिशा 0° की ओर होती है, उत्तर की 90°, पश्चिम की 180°और दक्षिन 270° की ओर ।
प्रिया: यह तो काम की चीज़ है । डार्ट बोर्ड पर सुई कहीं भी हो हम उसकी स्थिति बता सकते हैं origin से कितनी दूर और किस कोण पर ।
सैरा: सुई के polar coordinats को r,θ लिखा जाएगा, r origin से दूरी और θ कितने कोण पर
प्रिया: दो प्रश्न । एक तो कि रेखा गणित में हमनें क्षैकोण पर क्षैतिज और लंब अक्ष पढ़े थे जो x-axis और y-axis लिखे जाते थे । और लंब अक्ष पढ़े थे जो x-axis और y-axis लिखे जाते थे । उनकी जगह polar co-ordinates प्रयोग करने का क्या फ़ायदा है ? दूसरा क्या किसी दी गई स्थिति एक तरह के अक्ष में हो तो उसे दूसरी तरह के अक्ष में बदला जा सकता है ?
सैरा: दोनो अलग अलग कार्यों के लिए सुविधाजनक होते हैं । भूगोल में polar co-ordinates प्रयोग होते हैं क्योंकि धरती लगभग गोल है । यह काम आते हैं नौसंचालन (navigation), तेजोन्वेष (radars) में और जहां भी घुमाव हो । त्रिकोणकिति से इन्हें एक दूसरे में बदल सकते हैं । अब तेरे प्रोजैक्ट को सुधारने की बाद करें । तू polar co-ordinates के ग्राफ़ पेपर को अपने पहले वाले नक्शे के ऊपर उपरिशायी (overlay) कर दे ताकि तुम्हारी दुकान origin पर हो ।
प्रिया: इस polar co-ordinates वाले चित्र से स्पष्ट है कि हमारे अधिकतर ग्राहक θ = 90° to 360° (जो यहां 0° है) से आते हैं । θ = 0 to 90° में से गिने चुने ग्राहक ही आते हैं । θ = 90° to 360° से आने वाले ग्राहक समीप से अधिक आते हैं और दूर से कम । मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस भाग को कैसे कहना उचित होगा ।
सैरा: दूसरे भाग के लिए कह सकती है, ” θ = 90° से 360° से आने वाले ग्राहकों की संख्या और उनकी दुकान से दूरी का विपरीत संबंध है” । अब बता कि θ = 0 to 90° से क्यों बहुत कम लोग आते हैं । इसका कारण है कि दुकान के पीछे एक नदी है । यदि तुम दुकान किसी और जगह पर ले जा सकते तो वह स्थान क्या होगा ?
प्रिया: पुल के पास और नदी के इसी ओर सर्वोत्तम स्थिति होगे । हमारे आज वाले ग्राहक तो आते ही रहेंगे पर नदी के दूसरी ओर से भी लोग आएंगे । यदि हमारी आर्थिक क्षमता हुई तो वह स्थान बढ़िया रहेगा ।
सैरा: अब यह सारी जानकारी और अपनी राय को रिपोर्ट में लिख । हां, तेरी रिपोर्ट का शीर्षक क्या होगा ?
प्रिया ने थोड़ी देर सोचने के बाद कहा: भूगोल का व्यापार पर प्रभाव ।
प्रिया ने सैरा के साथ बातों के अनुसार फिर से रिपोर्ट लिखी और अध्यापक को दी । रिपोर्ट की एक कापी अपनी मां को भी दी ।
इस रिपोर्ट पर उसे 100% नंबर मिले । जीवन में पहली बार उसे किसी भी चीज़ में 100% नंबर मिले । बड़ी खुश थी वह । मां को भी गर्व था कि बेटी ने ऐसा अच्छा काम किया था । यही नहीं उसने व्यापार के बढ़ावे का मार्ग भी दिखाया था ।
प्रिया सैरा के घर उससे मिलने, और 100% नंबर मिलने की खुशखबरी देने, आई । उसने उसे सहायता के लिए धन्यवाद दिया । सहायता का अभिमूल्यन (appreciation) दिखाने के लिए उसने सैरा को दुकान से दो मुफ़्त टी शर्ट का कूपन दिया – एक उसके लिए और एक जानी के लिए ।
सैरा: यह कूपन की आवश्यकता नहीं थी । मुझे तेरे साथ काम करने में मज़ा आया । मैने भी polar co-rdinates का विषय तेरे साथ साथ ही सीखा था – एक चुनौती समझ कर ।
प्रिया ने सैरा को अलविदा कहा और चली गई ।
चुनौती
प्रिया ने पड़ौस के एक लड़के जोगा को बताया कि कैसे उसने polar co-ordinates का प्रयोग करके रिपोर्ट पर 100% नंबर लिए थे । शरारती जोगा अपने घर के पीछे वाले लान में गया । उसने एक 7 से.मी. अर्धव्यास वाली लकड़ी की खूंटी लान के मध्य में गाड़ दी । उसने एक 8 मीटर लंबी रस्सी का सिरा लान मोवर को बांध दिया और दूसरा सिरा खूंटी पर ऐसे बांधा कि रस्सी फिसले नहीं । फिर लानमोवर को अधिकतम दूरी पर ले गया और इसे आटोपायलट में चला दिया । रस्सी खूटे के इर्द गिर्द लपेट में आनी लगी । जोगा बोला: देख polar co-ordinates । प्रिया ने लानमोवर के मार्ग का चित्र बनाया । कैसा लगा होगा यह चित्र ?
उत्तर: खूंटे का अर्धव्यास (r) 7 से.मी. था । वृत्त की परिधि 2πr होती है और π का अंकीयमूल्य लगभग 22/7 होता है । तो लानमोवर के खूंटे के चारों ओर चक्कर लगाने में 2 x 22/7 x 7 = 44 से.मी. रस्सी लग गई । लान मोवर शुरू में 800 से.मी. दूर था, पर एक चक्कर (θ = 2 π रेडियन कोण ) के बाद केवल 800 – 2 x 22/7 x 7 = 756 दूर रहा, अगले चक्कर के बाद इसकी दूरी 44 से.मी. और कम हो जाएगी । तो हर 2 π रेडियन θ के साथ गोलधारे का अर्धव्यास 7 θ (44) से.मी. घटता जाएगा । इसका मार्ग एक उत्तरोत्तर घटती (spiral) रेखा होगी जिसका समीकरण होगा r = 800 – 7 θ से.मी. ।
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